नमस्कार दोस्तों, तेलंगाना से एक दुखद खबर निकल कर सामने आ रही है, जी हां दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की तेलंगाना के एमजेएम अस्पताल में एक मेडिकल छात्रा ने आत्महत्या करने का प्रयास (Medical Student of MJM Hospital Attempted Suicide) किया। उन्हें उस छात्र के दबाव में डाला गया था, जो प्रथम वर्ष की थी। पुलिस ने उस छात्रा को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि यह पूरा मामला 22 फरवरी 2023 का है। एवी रंगनाथ, पुलिस आयुक्त ने बताया कि एमजेएम अस्पताल के द्वितीय वर्ष के मेडिकल छात्रा को 22 फरवरी को प्रथम वर्ष की मेडिकल छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का प्रयास करने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हमने एससी/एसटी अधिनियम और रैगिंग विरोधी अधिनियम को लागू किया है।
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Medical Student of MJM Hospital Attempted Suicide
वारंगल के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक पीड़ित का हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज जारी है, छात्रा की स्थिति अभी बेहद नाजुक बनी हुई है। हैदराबाद पुलिस ने शुरुआती जांच पड़ताल की है, सोशल मीडिया और दोनों के बीच निजी बातचीत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह एक रैगिंग का मामला है।टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने छात्रा के परिजनों को आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रैगिंग क्या है ?
रैगिंग एक सामाजिक अभिशाप है जो कि आजकल शैक्षणिक संस्थानों में आम होता जा रहा है। यह उन छात्रों द्वारा किया जाता है जो नए छात्रों का अपमान करते हैं। इसमें शामिल हैं नए छात्रों को बुलाना, उनसे अनुचित व्यवहार करना और उनके साथ वार्तालाप करना। रैगिंग के कुछ भीतरिन रूप होते हैं जैसे शब्दों, कार्यों, आवाजों या नए छात्रों की संपत्ति के साथ खेलना। यह अभिशापी रूप से नहीं माना जा सकता और इससे छुटकारा पाने के लिए सख्त कानून बनाया गया है।
रैगिंग के बुरे प्रभाव ?
रैगिंग एक नकारात्मक गतिविधि है जो नए छात्रों को उनके अध्ययन संस्थानों में प्रवेश के समय उनके लिए बहुत हानि करती है। रैगिंग में नए छात्रों को अनुचित व्यवहार, शब्दों से अपमान, उनकी संपत्ति के साथ खेल, और भयानक गतिविधियों को करने के लिए उन्हें दबाया जाता है। इससे छात्रों के मनोबल और आत्मविश्वास कम हो जाते हैं और इससे भविष्य में उनका करियर प्रभावित हो सकता है। इसलिए, सख्त कानूनों के तहत रैगिंग को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।