नमस्कार दोस्तों अभी हाल ही में उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की की गई निर्मम हत्या के बाद पूरे देश में विरोध किया जा रहा है और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है। इसी बीच गुजरात के बनासकांठा में ग्राम पंचायत का एक लेटर पैड सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल होता हुआ दिख रहा है। इस लेटर पैड में उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के विरोध में मुस्लिम फेरी वालों से सामान नहीं खरीदने की बात कही गई है और ऐसा करने पर लोगों को 5100 रुपए का जुर्माना देना होगा। इस लेटर पैड में एक हस्ताक्षर भी है।
मुस्लिम फेरीवालों से सामान खरीदने पर लगेगा 5100 का जुर्माना
उदयपुर में हुए दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के बाद पूरे देश में इस बात की चर्चा की जा रही है। कन्हैया लाल की हत्या दो मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा की गई थी। इस संदर्भ में गुजरात के बनासकांठा गांव के गांव ग्राम पंचायत का एक फरमान बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम फेरी वालों से सामान खरीदने पर 5100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसे पंचायत के लेटर पैड पर जारी किया गया है और इस पर पूर्व सरपंच माफी बेन पटेल ने हस्ताक्षर भी किया है। यह लेटर पैड सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिस पर प्रशासन ने कहां है कि वाघासन समूह के ग्राम पंचायत का वायरल हो रहा है लेटर पैड आधिकारिक नहीं है।
28 जून को उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या
आपको बता दें कि टेलर कन्हैया लाल को 28 जून को उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में दिए गए बयान की वजह से दो मुस्लिम कट्टरपंथियों ने उनकी हत्या कर दी थी। जिसके बाद इस घटना का आरोपियों द्वारा वीडियो जारी किया गया और उसमें कहा गया उन्होंने इस्लाम के अपमान का बदला लिया है। इस मामले में अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लेटर हेड
आपको बता दें गुजरात के बनासकांठा जिले के वाघासन गांव के पंचायत की तरफ से 30 जून को लेटर पैड जारी किया गया। इस लेटर पैड में कहा गया है यदि कोई व्यक्ति मुस्लिम फेरी वालों से सामान खरीदता है तो उस पर 5100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद यह लेटर सोशल मीडिया पर आग तरह वायरल हो रहा है। इस पर पूर्व सरपंच माफी बेन पटेल का साक्षर और मोहर भी है। हालांकि प्रशासन की तरफ से इसको नकार दिया गया है और प्रशासन ने कहा है कि यह आधिकारिक लेटर पैड नहीं है। इस पर किए गए हस्ताक्षर पूर्व सरपंच के हैं और अभी गांव में सरपंच का चुनाव होना बाकी है।