महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, शिवसेना पहुँची कोर्ट: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से बीजेपी और शिव सेना के बीच राजनीतिक घमासान जारी है। दोनों ही पार्टियां राज्य में अपना-अपन सीएम बनाने के लिए अड़ी हुई है ऐसे में राज्य में कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नजर नहीं आ रही है। अब मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर फैसला लिया गया। ब्राज़ील के दौरे पर हुई इस बैठक में फैसला लिया गया है।
बता दें की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक से ऐसे समय पर बुलाई गई जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद कोई पार्टी सरकार बनाने स्तिथि में नजर नहीं आ रही है। राज्य में राजनीतिक संकट के गहराने बनते देख पीएम ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने से पहले इस बैठक को बुलाकर महाराष्ट्र की राजनीतिक पर बड़ा निर्णय लिया है।
Shiv Sena files petition in Supreme Court challenging Maharashtra Governor’s decision to not extend the time given to the party to prove their ability to form government. Advocate Sunil Fernandez has filed the plea for Shiv Sena. pic.twitter.com/vVbZqCdtH5
— ANI (@ANI) November 12, 2019
Raj Bhavan: Governor of Maharashtra Bhagat Singh Koshyari having been satisfied that as Govt of Maharashtra cannot be carried on in accordance with the Constitution, has today submitted a report as contemplated by the provisions of Article 356 of Constitution (President’s Rule). pic.twitter.com/ThaRzbZT2N
— ANI (@ANI) November 12, 2019
विधानसभा चुनाव के फैसले के बाद 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने सहयोगी दल द्वारा समर्थन से इनकार करने के बाद दावा नहीं किया. अपने हाथ में 56 सीटों के साथ, सेना को राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था. 54 विधायकों के साथ, एनसीपी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. महाराष्ट्र में विधनसभा की कुल 288 सीट है ऐसे में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की आवश्यकता है।