बिहार: होटल में मिलीं EVM और VVPAT मशीनें, एसडीओ ने मजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस किया जारी- बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर संसदीय सीट पर सोमवार को हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक होटल से ईवीएम मशीन बरामद होने से हड़कंप मच गया है| ईवीएम मशीन के होटल में मिलने के बाद विपक्षी कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया| इस हंगामे की खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एसडीओ कुंदन कुमार ने ईवीएम को अपने कब्जे में ले लिया है| इस घटना को उन्हें बड़ी लापरवाही करार दिया है| इस मामले में उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट पर कार्यवाही करने की बात कही है| इस घटना में EVM के कस्टोडिन सेक्टर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है|
इस घटना के बाद मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया की सेक्टर अफसर को कुछ रिज़र्व ईवीएम मशीन दी गई थी, इस इसलिए ताकि ईवीएम के खराब होने पर उसे दूसरी मशीन के साथ बदला जा सके| ईवीएम मशीन को बदलने के बाद मशीनो को होटल ले जाना चाहिए था, यह नियमों के खिलाफ है| हां, यहाँ पर नियमों का उलंघन हुआ है इसलिए अब विभागीय जाँच की जाएगी| ईवीएम बदलने के बाद उनकी कार में 2 बैलट यूनिट, एक कंट्रोल यूनिट और दो वीवीपैट मशीनें थीं.’
Alok Ranjan Ghosh, DM, Muzaffarpur: He shouldn’t have unloaded the machines in the hotel which is against rules. Since he has violated an departmental investigation will be done. #Bihar https://t.co/2LA0O6DGg1
— ANI (@ANI) May 7, 2019
ख़बरों के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार को रिप्लेसमेंट के लिए रिज़र्व EVM और VVPAT दिए गए थे जिसे होटल में रखा गया था|
बता दें कि पांचों सीटों पर औसत 57.83 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया| मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 61.30 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि सबसे कम 55.50 प्रतिशत मतदान मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में हुआ है| इसके अलावा सीतामढ़ी में 56.90 प्रतिशत, सारण में 58 प्रतिशत तथा हाजीपुर में 57.72 प्रतिशत मतदान हुआ|
बता दें कि बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर पांचवे चरण के तहत सोमवार को वोटिंग हुई थी| इस चरण में 57.86 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, पशुपति कुमार पारस, डॉ़ शकील अहमद सहित 86 दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में बंद हो गया|
चुनाव के अगले ही दिन संदिग्ध हालात में ईवीएम का होटल के कमरे में मिलना कई सवाल खड़े करता है| अब तो यह जाँच के बाद ही साफ हो पाएगा की यह लापरवाही है या फिर जानबूझकर किया गया है| देश के दूर दर्ज के लोगों इलाकों से चुनाव में धांधली की खबरें चुनावों में सामने आती ही रहती है| उम्मीद है की चुनाव आयोग इस मामले में सख्त कार्यवाही करेगा और दोषी को को कड़ी सजा मिलेगी|