ई-सिगरेट पर लगी रोक, जानिए क्या होती है ई-सिगरेट, इसके नुकसान, सेवन के नियम, जुर्माना पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर पाबंदी लगा दी है। ई-सिगरेट पर मोदी सरकार ने पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। भारत सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन, बेचने, इंपोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और विज्ञापन पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) द्वारा Prohibition of E Cigerettes Ordinance 2019 जाँच की गई थी, इसके बाद ग्रुफ ऑफ मिनिस्टर्स ने इसमें बदलाव करने का सुझाव दिया था।
ई-सिगरेट के नुकसान
ई सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है. एक शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है.
ई-सिगरेट पीते हुए पाए जाने पर कितने रूपये का होगा जुर्माना
इस अध्यादेश में हेल्थ मिनिस्ट्री ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है. वहीं एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने 5 लाख रुपये जुर्माना और 3 साल तक जेल की सिफारिश की है.
ई-सिगरेट क्या है?
ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इनहेलर होता है, जिसमें निकोटिन और अन्य रसायनयुक्त तरल भरा जाता है. ये इनहेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है. ईएनडीएस ऐसे उपकरणों को कहा जाता है, जिनका प्रयोग किसी घोल को गर्म कर एरोसोल बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें विभिन्न स्वाद भी होते हैं. लेकिन ई-सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है, वह कई बार निकोटिन होता है और कई बार उससे भी ज्यादा खतरनाक रसायन होते हैं. इसके अलावा कुछ ब्रांड्स ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद खतरनाक और कैंसरकारी तत्व हैं.