हेलो दोस्तों नमस्कार, जैसा की आप सभी को मालूम है की दिल्ली वासियों की चिंता कोरोनावायरस ने पहले से बड़ा रखी है, इसी के साथ साथ राजधानी दिल्ली के सामने एक और मुसीबत आ खड़ी हुई है। एक तरफ कोई सरकारी मशीनरी करोना महामारी को रोकने के लिए लगी हुई है, और वही कोरोनावायरस के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में छोटी सी भी गलती गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है, जी हां दोस्तों आपको बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में अब कोरोनावायरस के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया के मामले भी सामने आने लगे है।
Dengue और Malaria बढ़ा सकते है दिल्ली वालो की टेंशन
दिल्ली और दूसरे राज्य से दिल्ली में आने वाले केस को शामिल कर लिया जाए तो दिल्ली में मलेरिया के अब तक कुल 5 केस सामने आ चुके है, वहीं दूसरी ओर डेंगू के 6 मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन दूसरे राज्यों की संख्या को शामिल कर ले तो इनकी संख्या 14 हो जाएगी। अगर पिछले कुछ सालों के आंकड़ों की बात करें तो राजधानी दिल्ली में साल 2015 में डेंगू के कुल 15,867 मामले सामने आये थे, जिसमे से 60 लोगो की जान चले गई थी, लेकिन इन मामलों में हर साल कमी देखने को मिली है, साल 2020 में डेंगू के कुल 612 मामले सामने आए थे, और किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई थी।
नॉर्थ और साउथ एमसीडी की ओर से राज्यों में फॉकिंग नहीं कराई जा रही, एमसीडी के लोग कॉलोनियों में जाकर कोरोनावायरस को रोकने के लिए सैनिटाइजिंग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि आप बताएं कि मार्च-अप्रैल में कभी फागिंग की जाती थी ? आम आदमी पार्टी सिर्फ बात का पतंगड बनाने वाली पार्टी है, सर्दी जाती है और गर्मी आती है तो थोड़े मच्छर उत्पन्न हो जाते हैं, लेकिन जैसे ही गर्मी बढ़ती है मच्छर अपने आप मरने लगते हैं, मार्च-अप्रैल में कभी भी फोगिंग नहीं की जाती थी, और भी कहि बाते उन्हें मीडिया से की
अब दिल्ली वालों को यह डर सता रहा है कि कहि सरकार कोरोना महामारी को रोकने के चक्कर में डेंगू और मलेरिया को बिल्कुल भूल जाए। अब यह देखते हैं कि करुणा महामारी के साथ-साथ राज्य सरकार डेंगू और मलेरिया जैसी महामारी से कैसे बचेंगे। देश और दुनिया से जुड़ी लेटेस्ट खबर जाने के लिए हमारे साथ बने रहे।