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Delhi Auto Rickshaws News: दिल्ली सरकार ने सभी ऑटो-रिक्शों में GPS ट्रैकिंग लगाने के आदेश दिए, पालन नहीं करने पर कार्रवाई हो सकती है?

नमस्कार दोस्तों, दिल्ली से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है, जी हां दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की दिल्ली के परिवहन विभाग ने शहर के सभी ऑटो-रिक्शा चालकों को कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके वाहनों में लोकेशन को ट्रैक करने के लिए जीपीएस (GPS) सही तरह से काम कर रहा है। अगर किसी ऑटो ड्राइवर का जीपीएस सिस्टम सही काम करता नहीं पाया गया, उसे दंडित किया जाएगा। तो चलिए विस्तार में जानते है पूरा मामला क्या है ?

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Delhi Auto Rickshaws News in Hindi | Delhi government orders to install GPS tracking in all auto-rickshaws, can action be taken if non-compliance? | 3 सालों से अटका पड़ा था यह काम

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इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत ने बताया कि दिल्ली ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित मीटर बॉक्स के अनुसार किराया नहीं वसूलने की कई शिकायतों के बीच यह कदम उठाया गया है, जैसा कि आप सभी को मालूम है ऑटो मीटर किलोमीटर के हिसाब से किराया वसूल करता है।

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दिल्ली सरकार ने सभी ऑटो-रिक्शों में GPS ट्रैकिंग लगाने के आदेश दिए

इसी ऑटोमीटर के अंदर जीपीएस लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम को इंटीग्रेटेड किया जाता है, जो की एक सिम कार्ड के साथ काम करता है। अधिकारियों के मुताबिक राजधानी दिल्ली में 90,000 से अधिक ऑटो चल रहे हैं, इन सभी को जांचने के लिए कहा गया है कि उनके ऑटो में लगा जीपीएस सिस्टम सही से कम कर रहा है या फिर नहीं। अगर किसी ऑटो ड्राइवर का सिस्टम काम नहीं कर रहा है तो वह उसे ठीक करवाए, अन्यथा उसका चालान या दंडित किया जा सकता है।

यह काम दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड को सौंपा गया

वाहनों के जीपीएस की जांच और तब्दीली काम को दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) लिमिटेड को सौंपा गया है, जो दिल्ली की क्लस्टर बस सेवा भी चलाता है। जब किसी ऑटो-रिक्शा का पुराना होता है, तो पांच साल के बाद उसका फिटनेस प्रमाणपत्र हर दो साल में नया कराना होता है, और पुराने ऑटो-रिक्शा चालकों को यह प्रमाणपत्र नियमित रूप से अपडेट करवाना आवश्यक होता है।

3 सालों से अटका पड़ा था यह काम

हालांकि, अधिकारी बता रहे हैं कि पिछले तीन सालों में कोविड-19 के कारण इस काम को नहीं किया गया। एक परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बिना नाम लिए कहा कि “कोविड-19 के बाद, ऑटो रिक्शा यूनिट (एआरयू) ने ऑटो-रिक्शा की जीपीएस की कार्यक्षमता की जांच करना बंद कर दिया है। इसके कारण कई ऑटो में जीपीएस काम नहीं कर रहे। ड्राइवरों को इसका परीक्षण करवाने के लिए अब पैसे नहीं देने पड़ते। अगर आप भी एक ऑटो चालक है तो जल्द से जल्द अपने ऑटो का जीपीएस सिस्टम सही करवा ले। देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे

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