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Agniveer Amritpal Singh Shahid News: क्या अग्निवीर एक फौजी नहीं है? क्या उन्हें शहीदों का दर्जा नहीं मिलेगा?

19 साल के इकलौते बेटे अग्निवीर अमृतपाल सिंह (Agniveer Amritpal Singh) की जम्मू कश्मीर में माथे पर गोली लगने से मौत हो गई। उसके बाद में अमृत पाल सिंह को शाहिद का दर्जा नहीं दिया गया। सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि क्या अग्निवीर एक फौजी नहीं है। क्या उन्हें शहीदों का दर्जा नहीं मिलेगा, आज की जानकारी में आपको सब कुछ विस्तार में बताने वाले हैं। जम्मू कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात अग्नि वीर अमृतपाल सिंह की चार दिन पहले सिर पार गोली लगने से मौत हो गई। एक प्राइवेट एंबुलेंस में उनके शव को लेकर पहुंच गया।

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Agniveer Amritpal Singh Shahid News

ना ही आर्मी की तरफ से कोई परेड हुई और ना ही अमृतपाल सिंह के लिए किसी भी प्रकार की सलामी दी गई। इस घटना के बाद से पूरे देश में विरोध करने के बाद लॉन्च की गई केंद्रीय सरकार द्वारा अग्नि वीर स्कीम पर दोबारा से सवाल उठने शुरू हो गए । क्या अग्निवीर फौजी नहीं है, फौजी की तरह सरहद पर देश की रखवाली करते हुए इस वीर को शाहिद का दर्जा नहीं दिया गया। एम्बुलेंस की मदद से दो शव को गांव वालों को सौप कर चले गए। इसके बाद पिता और माँ अपने 19 साल के बेटे को कंधे पर उठाकर श्मशान घाट पहुंचे।

क्या अग्निवीर एक फौजी नहीं है?

जानकारी मिलने के बाद गांव वालों ने नजदीकी पुलिस वालो से इस मामले में संपर्क किया। इसके बाद पुलिस के एक टुकड़ी मौके पर पहुंची और अमृतपाल सिंह को अंतिम विदाई (last farewell to Agniveer Amritpal Singh) दी। आपको बताना चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर, मेघालय, गोवा, और बिहार के पूर्व गवर्नर सतपाल मलिक ने सवाल किए हैं कि आज शहीद अमृतपाल सिंह का शव उनके गांव लाया गया। इसमें दो फ़ौजी प्राइवेट प्लेन में छोड़कर चले गए। जब ग्रामीणों ने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया की केंद्रीय सरकार की नई नीति के तहत अमृतपाल सिंह को शाहिद का दर्जा नहीं दिया गया।

क्या उन्हें शहीदों का दर्जा नहीं मिलेगा?

इसलिए सलामी नहीं दी जाएगी। SP साहब से गांव वालों ने बात करके पुलिस की मदद से अमृतपाल सिंह को अंतिम विदाई दिलवाई। यह घटना साबित करती हैं कि अग्नि वीर इसीलिए बनाए गए हैं ताकि शहीद को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाये। केंद्रीय सरकार को शर्म आनी चाहिए कि वह शहीद का दर्जा नहीं दे रही है। आपको बताना चाहते हैं कि अमृतपाल सिंह की चार दिन पहले माथे पर गोली लगने से मौत हो गई थी। अमृतपाल की मृत्यु पर आगे भी संदेह है और मिली जानकारी के अनुसार चार दिन पहले उनके माथे पर गोली लगने से मौत हो गई थी।

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