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Top 10 Facts About Mahavir Jayanti: महावीर जयंती कब और क्यों मनाई जाती है, जाने इतिहास और भी काफी कुछ!

नमस्कार दोस्तों, आज हम जाने वाले हैं महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) कब और क्यों मनाई जाती है? महावीर जयंती को मनाने के पीछे क्या उद्देश्य है और इसका क्या इतिहास है? महावीर स्वामी जी (Mahavir Swami Ji)  का जन्म कब और कहां हुआ था? यही नहीं इस लेख में आप को महावीर जयंती से जुड़े 10 फैक्ट जानने को मिलने वाले है।

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महावीर जयंती कब और क्यों मनाई जाती है?

आपकी जानकारी के लिए बता दे की महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है। यह जैन समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है जो महावीर स्वामी ( Mahavir Swami Ji)  के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। महावीर स्वामी जैन धर्म (Jain Dharm) के एक महानुभाव थे जो वैराग्य, अहिंसा और तपस्या के माध्यम से समस्त लोगों को समान बनाने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया था।

Mahavir Jayanti 2023 Date and Time

महावीर स्वामी की 2621वीं जयंती 4 अप्रैल, 2023 को मंगलवार को मनाई जाएगी। त्रयोदशी तिथि 3 अप्रैल, 2023 को सुबह 06:24 बजे शुरू होगी और 4 अप्रैल, 2023 को सुबह 08:05 बजे समाप्त होगी।

महावीर स्वामी जी (Mahavir Swami Ji)  का जन्म कब और कहां हुआ था?

महावीर स्वामी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ था। महावीर 599 ईसा पूर्व में जन्मे थे और 72 वर्ष की उम्र में 527 ईसा पूर्व में गायब हो गए थे। महावीर का जन्म बिहार के वैशाली जिले के कुण्डलाग्राम में हुआ था।

Top 10 Facts About Mahavir Jayanti

  1. महावीर स्वामी जैन धर्म के दशलक्षण (10 गुण) के प्रतिपादक थे।
  2. महावीर स्वामी का जन्म बिहार के वैशाली जिले के कुण्डलाग्राम में हुआ था।
  3. महावीर स्वामी ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में गृहस्थ जीवन व्यतीत किया था।
  4. महावीर स्वामी ने अहिंसा का महत्व बताया था और उन्होंने अपने जीवन में किसी भी प्राणी को कभी नहीं छुआ।
  5. महावीर स्वामी ने अपने जीवन के दौरान अपने चार शिष्यों को अपने जैन धर्म का शिक्षा दी थी।
  6. महावीर स्वामी द्वारा बताए गए जैन धर्म के मुताबिक, सभी प्राणी समान होते हैं।
  7. महावीर स्वामी ने विविध उपवासों का आदर किया था जो शरीर और मन को शुद्ध करने में मदद करते थे।
  8. महावीर स्वामी द्वारा बताए गए जैन धर्म में चौबीस तीर्थंकर हैं, जिनमें परश्वनाथ, अरहंत और महावीर स्वामी शामिल हैं।
  9. महावीर स्वामी ने जीवन के सार्वभौमिक तथ्यों को समझाया था जो हमें सभी प्राणियों के प्रति सम्मान करने के

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