शनि जयंती 2023 पूजा विधि मंत्र जाप Shani Amawasya Tips कोट्स Wishes Sms :- हर साल शनि जयंती का त्यौहार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाई जाती है। पूरे विधि-विधान के साथ शनि देव की ओउजा अर्चना करने से शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है। शनि देव अच्छे लोगों के लिए अच्छे तो वही बुरे लोगों के लिए बुरे है। शनि जयंती 2023 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, कथा आदि के बारे में नीचे पढ़े-
शनि जयंती 2023 पूजा विधि
शनि देव का नाम सुनते ही लोगों के सामने डर दिखने लगता है। सभी जानते है की शनि देव के प्रकोप से कोई नहीं बच सकता। दरअसल, नौ ग्रहों में दंडनायक कहे जाने वाले शनिदेव को एक क्रूर देवता माना जाता है, लेकिन हकीकत में वे एक न्यायप्रिय देवता हैं जो अच्छे कर्म करने वाले को अच्छा और बुरे कर्म करने वाले को बुरा फल देते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Jyestha Amavasya) को सौराष्ट्र के शिंगणापुर (Shingnapur) (जो अब महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है) में हुआ था. भगवान सूर्य की पत्नी छाया ने भगवान शंकर की कठोर तपस्या की थी और तेज धूप व गर्मी के कारण उनके गर्भ में स्थित शनिदेव का वर्ण काला हो गया था।
शनि Amawasya 2023 मंत्र जाप
शनि जयंती का शुभ मुहूर्त और तिथि
शनि जयंती 2023 पर इन बातों का रखे ख्याल
– शनि देव की पूजा करने के दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल मालिश कर स्नान करना चाहिये।
– शनिमंदिर के साथ-साथ हनुमान जी के दर्शन भी जरूर करने चाहिये।
– शनि जयंती या शनि पूजा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये।
– इस दिन यात्रा को भी स्थगित कर देना चाहिये।
– किसी जरूरतमंद गरीब व्यक्ति को तेल में बने खाद्य पदार्थों का सेवन करवाना चाहिये।
– गाय और कुत्तों को भी तेल में बने पदार्थ खिलाने चाहिये।
– बुजूर्गों व जरुरतमंद की सेवा और सहायता भी करनी चाहिये।
– सूर्यदेव की पूजा इस दिन न ही करें तो अच्छा है।
– शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर को देखते समय उनकी आंखो में नहीं देखना चाहिये।
ऐसी मान्यता है की शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। जो पहले से ही शनि देव के प्रकोप को झेल रहे है वह इस दिन शनि देव की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से शनि देव का प्रकोप थोड़ा कम होता है।