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सावन का पहला सोमवार व्रत 2019 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, तिथि और महत्व

सावन का पहला सोमवार व्रत 2019 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, तिथि और महत्व :-दोस्तों सावन का महीना शुरू हो चूका है और अब आप सभी को भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए सावन के सोमवार आने का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार होगा। सावन के सोमवार का एक विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी दुखो से छुटकारा मिलता है। लेकिन अब सवाल है की सावन के सोमवार पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और इस दिन का क्या महत्व है? नीचे इस आर्टिकल में इस बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई है। सावन 2019 व्हाट्सप्प स्टेटस

पूरे एक महीने तक रहने वाले सावन का महीना हिन्दू धर्म और अन्य धर्म के लोगों के लिए भी खुशी का महीना होता है। सावन के शुरू होते ही मानसून के मौसम की भी शुरुआत ह जाती है। जिससे चारों तरफ हरियाली का माहौल बन जाता है और सभी के चेहरे खिल जाते है। सावन के महीने में कावड़ यात्रा भी निकलती है। शिवभक्त बड़ी धूम-धाम के साथ इस यात्रा पर जाते है और चारों तरफ भगवान शिव के जय कारे सुनने को मिलते है। भगवान शिव की फोटो

सावन का पहला सोमवार व्रत 2019

श्रावण सोमवर व्रत या सोमवार व्रत की शुरुआत उपासक सुबह जल्दी उठकर करते हैं। पवित्र स्नान करने के बाद और उपवास रखने वाले व्यक्तियों को सफेद रंग पहनना चाहिए। सोमवर व्रत रखते हुए यदि व्यक्ति सुबह और शाम भगवान शिव के मंदिर जा सकता है तो यह बहुत फायदेमंद है। मामले में, मंदिर का दौरा संभव नहीं है, महादेव को घर पर पूजा करें। सावन शिवरात्रि, शुभ मुहूर्त

सावन सोमवार व्रत शुभ मुहूर्त पूजा विधि

किस-किस दिन लगेंगे सावन सोमवार

  • सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को होगा।
  • सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को होगा।
  • सावन का तीसरा सोमवार 05 अगस्त को होगा।
  • सावन का चौथा सोमवार 12 अगस्त को होगा। Sawan Somvar WhatsApp Status

सावन के अंतिम दिन ही स्वतंत्रतता दिवस और रक्षाबंधन 2019 भी मनाया जाएगा।

सावन सोमवार व्रत शुभ मुहूर्त

अभिषेकम के साथ पूजा शुरू करें, जिसका अर्थ है ‘स्नान करना’। यह जल अभिषेक के समान सरल हो सकता है, जो शिव लिंगम या शिवलिंग पर पानी डाल रहा है। जब अभिषेकम भगवान शिव को अर्पित किया जाता है, तो इसे रुद्र अभिषेक कहा जाता है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत या पंचामृत या चरणामृत अभिषेक भी एक उत्कृष्ट उपाय है। पंचामृत को मिला कर तैयार किया जाता है – दूध, दही, घी (स्पष्ट मक्खन), शहद और चीनी। भक्त शिवलिंग पर चंदन के लेप का तिलक लगा सकते हैं और शिवलिंग के लिए कुमकुम का तिलक (सिंदूर) लगाने से बच सकते हैं।

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