नमस्कार दोस्तों आज हम गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस यानी कि Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day के बारे में बात करने वाले हैं। यह दिवस संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। हर साल हमारी दुनिया में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की किसी ना किसी वजह से जान जाती रहती हैं। ऐसी दुर्घटनाओं को याद करते हुए हर साल 15 अक्टूबर को Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day मनाया जाता है। इस दिन मृत गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की याद में सड़कों पर कैंडल मार्च किया जाता है।
गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस 15 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है ?
इन सभी घटनाओं को याद करते हुए विशेष तौर पर हमारी जानकारी में राष्ट्रीय गर्भावस्था और शिशु हानि स्मरण दिवस के लिए सार्थक कोट्स शायरी स्टेटस दिए गए हैं। हमारे जीवन में कोई भी चला जाता है तो हमे काफी ज्यादा दुख होता है। लेकिन जब किसी नवजात शिशु या फिर गर्भवती महिला का देहांत होता है तो हमे ज्यादा दुख होता है। इस दुख को भरने के लिए सिर्फ चंद शब्दों से कुछ नही होता है। शायद इसीलिए हर साल भारी पैमाने पर कैंडल मार्च की मदद से Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day मनाया जाता है।
Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day Quotes Images in Hindi
आज की जानकारी को आप अपने दोस्त या फिर निजी परिवार लोगो मे साझा कर सकते हैं। Infant And Pregnancy Loss Day Best Love Quotes और Pregnancy And Infant Loss Day Love Message का बेहतरीन संग्रह दिया गया है। जब भी किसी गर्भवती महिला का बच्चा पेट मे ही मर जाता है तो उस महिला के ऊपर क्या बीतता है। इसका दुख सिर्फ एक महिला ही समझ सकती है। बनाना चाहते हैं की इस दिन को शोक और सम्मान दोनों के रूप में मनाया जाता है। आज का दिन लोग बड़े पैमाने पर हिस्सा लेते हुए नजर आते हैं।
एक बच्चे को जन्म देने के लिए
एक माँ नौ माह तक दर्द सहती है,
कितनी फिजूल की है ये दुनिया
जो औरत को कमजोर कहती है.
खून देकर नौ महीने सींचती है वह अपने बदन में,
तब जाकर कहीं एक फूल खिलता है इस चमन में.
Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day Shayari in Hindi
जो पसंद नहीं, हर वो चीज खाती है माँ,
बच्चे के लिए कितना बदल जाती है माँ.
गर्भावस्था एक औरत का पूर्ण श्रृंगार है,
कुदरत का दिया यह सबसे खूबसूरत उपहार है.
Pregnancy and Infant Loss Remembrance Day Status in Hindi
बिना देखे ही वो अपने बच्चे का ख्याल रखती है,
बच्चों के लिए माँ भी कितना त्याग करती है.
किसी ने कहा था किसी से कुछ न कहना,
लगे चोट दिल पर तो खामोश रहना,
जहाँ चोट खाना वहीं मुस्कुराना,
मगर मुस्कान ऐसी अदा से की रो दे जमाना.
अगर हम गांव की बात करे तो आज भी गांव में काफी सारे बड़े बुजुर्ग ऐसे होते हैं जोकि गर्भ में बच्चे को खत्म करने की अंधविश्वास बातों को फैलाते रहते हैं। लेकिन सबसे बड़े अपराधी यही लोग है जोकि बाबा के तंत्र मंत्र की बातों में आकर इस प्रकार की अंधविश्वास बातों पर विश्वास कर लेते हैं। आज की जानकारी के बारे में आप सभी का क्या कहना है हमें कमेंट करके बता सकते हैं। अगर आपके आसपास के इलाके में इस प्रकार की परंपराएं होती हैं तो आप निडर होकर टि्वटर या फिर फेसबुक के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं।