मुरारबाजी देशपांडे कौन थे और इनका निधन कैसे हुआ और इनके डेथ एनीवर्सरी कब मनाई जाती है इन सबके बारे में आज आपको बताने वाले हैं। मुरारबाजी देशपांडे इतिहास के वो नाम था जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। या फिर ये भी कह सकते हैं कि मालूम सबको है पर विस्तार में आज आपको बताने वाले हैं।
Murarbaji Deshpande Death Anniversary
आपको बताना चाहते हैं की मराठा साम्राज्य पूरे भारत में फैला हुआ था लेकिन फिर भी मराठा साम्राज्य के बारे में बहुत ही कम नाम लिया जाता है। यानी कि पूरी तरीके से अनसुनी कहानी बनकर रह गया है। यहाँ तक कि शिक्षा में भी इन सभी बातों को अनसुना किया गया। बताया जाता है कि मुरारबाजी देशपांडे का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था।
Who Was Murarbaji Deshpande in Hindi
इनके पैतृक गांव का नाम किंजलोली है। प्रारंभिक दौर में मुरारबाजी देशपांडे जावली के चंद्रराव मौर्य के लिए काम किया करते थे। जवाली पर आक्रमण के समय चंद्रराव मौर्या के साथ साथ मुख्य योद्धा के रूप में मुरारबाजी देशपांडे ने अपनी वीरता को साबित किया था। मुरारबाजी देशपांडे की बहादुरी को देखते हुए छत्रपति शिवाजी ने इनको अपने साथ काम करने और स्वराज्य की रक्षा करने का न्योता दिया था।
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इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथ और ताकत और भी ज्यादा मजबूत हो गए थे। यहाँ तक कि पुरंदर के किले की रक्षा करने की जिम्मेदारी मुरारबाजी देशपांडे को सौंपी गई थी। लेकिन आप सभी ये भी जानना चाहते हैं कि आखिरकार मुरारबाजी देशपांडे का निधन कैसे हुआ था। वह दिन आ ही गया था जब मुरारबाजी देशपांडे लगातार अपनी सेना को संभाले हुए थे लेकिन संख्याके अधिक होने की वजह से उस दिन मुगल सेना भारी पड़ रही थी।
Murarbaji Deshpande Death Date & Reason
मुगलों ने लगभग पुरंदर किले को जीतने की सभी जीत लगभग हासिल कर ली थीं। लेकिन अभी दूसरी तरफ पुरंदर किले के रक्षक के गोला बारूद कम पड़ते जा रहे थे। दिलेरखान ने मुगल सैनिकों को आखिरी हमला करने का इशारा कर दिया था। 5000 मुगल सैनिकों का मराठी सेना सामना नही कर पा रही थी लेकिन अंतिम समय तक लड़ती रही। इसी बीच मे दिलेरखान ने एक तीर छोड़ा था जोकि सीधे जाकर मुरारबाजी देशपांडे के गर्दन पर लगा था।
इसी एक तीर की वजह से मुरारबाजी देशपांडे वीरगती को प्राप्त हो गए और फिर ऐसा लगा जैसे कि हवा पानी सब कुछ रुक गया हो। बताया जाता है कि 16 मई 1665 में मुरारबाजी देशपांडे का निधन हुआ था।