खेल दिवस 2020 भाषण, हिंदी स्पीच , Khel Diwas Speech Bhashan :- दोस्तों सबसे पहले आप सभी को खेल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ! भारत में हर साल खेल दिवस यानि स्पोर्ट्स डे 29 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन इसलिए भी भारत के लिए खास क्योंकि ऐसी दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था। उनके भारतीय हॉकी में शानदार योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखने और उनसे सीख लेने के उद्देश्य से हर साल उनके जन्मदिन को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेशनल स्पोर्ट्स डे पर स्कूल, कॉलेज में खेल दिवस पर भाषण दिए जाते है और एग्जाम इ खेल दिवस पर निबंध लिखने के कहा जाता है। आप सभी की मदद के लिए हम खेल दिवस भाषण यानि स्पीच और निबंध यानि एस्से की पेशकश लेकर आए है।
खेल दिवस 2020 भाषण
भारत में प्राचीन समय से ही बहुत से खेल खेले जाते हैं और देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी को माना जाता है। विशेषरुप से, बच्चे खेलने के बहुत अधिक शौकीन होते हैं। वे आस-पास के क्षेत्र में, पार्कों, बगीचों में खेलते हैं या वे आमतौर पर स्कूलों में भागीदारी करते हैं। स्कूल स्तर पर, जिला स्तर पर, राज्य स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के बच्चों और युवाओं की अधिकतम भागीदारी के लिए बहुत सी खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जैसे – ओलंपिक या कॉमनवेल्थ खेलों में खिलाड़ियों का बेकार प्रदर्शन भारत में खिलाड़ियों के लिए अच्छी खेल सुविधाओं की कमी और अभाव को दिखाता है।
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अभी भी भारतीय एथलीट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में मानक स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाए हैं हालांकि, यह लगता है कि, आने वाले समय में वे ऐसा कर पाएगें क्योंकि वर्तमान सालों में खेलों का क्षेत्र बढ़ गया है। इसे देश की सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेजों में बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय एथलीट (खिलाड़ी) हर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में अपनी पूर्ण भागीदारी दिखा रहे हैं और लगातार गुणवत्ता और मानक हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले ओलंपिक खेलों में बहुत कम स्वर्ण पदक जीते थे हालांकि, वे बहुत ही साहस और उत्साह के साथ खेले थे। भारत हॉकी, कुश्ती, क्रिकेट, आदि कई खेलों में अग्रणी है।
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खेल दिवस पर स्कूल, कॉलेज और देशभर में मौजूद अन्य शैक्षिक संस्थानों पर कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजना किया जाता है। इन कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों और उनके अभिभावकों को खेलों के प्रति जागरूक जाता है। उन्हें यह बताया जाता है की जिस प्रकार शिक्षा जरुरी है
Khel Divas Par Bhashan
स्पोर्ट्स और खेल दोनों ही शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती को सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और सरल तरीके हैं। आजकल, स्पोर्ट्स और खेलों का क्षेत्र, सरकार के प्रयासों के द्वारा बढ़ गया है। हम में से कोई भी, भोजन, स्वास्थ्य और शरीर की तंदरुस्ती को बनाए रखने के साथ खेलों में एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकता है। यह सफलता और अच्छी नौकरी पाने का बहुत ही अच्छा तरीका है। यह नियमित रुप से मनोरंजन और शारीरिक गतिविधियों को प्राप्त करने का अच्छा साधन है। यह चरित्र और अनुशासन की तकनीकी है, जो हमें पूरे जीवनभर थामे (पकड़े) रहती है। यह हमें सक्रिय बनाती है और हमें ऊर्जा और ताकत देती है।
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नियमित रुप से स्पोर्ट्स और खेल खेलने का अर्थ मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना है। यह हमें शारीरिक और मानसिक सन्तुलन को बनाए रखना सिखाता है क्योंकि यह हमारे एकाग्रता स्तर और स्मरण शक्ति को सुधारता है। यह किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने के लिए जीवन को भी शान्तिपूर्ण बनाता है। यह मित्रता की भावना को विकसित करता है और दो लोगों के बीच के सभी मतभेदों को हटाता है। यह शरीर को आकार में रखता है, जो हमें मजबूत और सक्रिय बनाता है हालांकि, यह मस्तिष्क को शान्तिपूर्ण रखता है, जो सकारात्मक विचारों को लाता है और हमें बहुत सी बीमारियों और विकारों से दूर रखता रहता है।
National Sports Day Speech
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यह हमें बहुत ऊर्जा और मजबूती प्रदान करने के साथ ही पूरे शरीर में रक्त संचरण में सुधार करके सभी तरह की थकान और सुस्ती को सुधारता है और शारीरिक और मानसिक अच्छाई को बढ़ावा देता है। यह एक व्यक्ति की कुशलता, कार्य क्षमता को सुधारता है और मानसिक और शारीरिक रुप से थकान होने से बचाव करता है। यह छात्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का अभिन्न हिस्सा है। खेल और शिक्षा दोनों ही, एक साथ जीवन में सफलता प्राप्त करने के सबसे अच्छे तरीके हैं।
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राष्ट्रीय खेल दिवस हिंदी स्पीच
सभी समझते हैं कि, खेल और स्पोर्ट्स का अर्थ केवल शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती है। यद्यपि, इसके बहुत से छिपे हुए लाभ भी है। स्पोर्ट्स (खेल) और अच्छी शिक्षा दोनों ही एक साथ एक बच्चे के जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। दोनों को ही स्कूल और कॉलेजों में बच्चों को आगे बढ़ाने और विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए समान प्राथमिकता देनी चाहिए। खेल का अर्थ न केवल शारीरिक व्यायाम है हालांकि, इसका अर्थ विद्यार्थियों की पढ़ाई की ओर एकाग्रता स्तर को बढ़ावा देना है। खेलों के बारे में आमतौर पर, कहा जाता है कि, “एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है”, जिसका अर्थ है कि, जीवन में आगे बढ़ने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तंदरुस्त शरीर में एक स्वस्थ मन होना चाहिए।
शरीर का स्वास्थ्य पूरे जीवनभर स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है। लक्ष्य पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित करने के लिए मानसिक और बौद्धिक स्वास्थ्य भी बहुत आवश्यक है। खेल खेलना उच्च स्तर का आत्मविश्वास लाता है और हमें अनुशासन सिखाता है, जो हमारे साथ पूरे जीवनभर रहता है। बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और घर और स्कूली स्तर पर शिक्षकों और अभिभावकों की समान भागीदारी के द्वारा उनकी खेलों में रुचि का निर्माण करना चाहिए। स्पोर्ट्स और खेल बहुत ही रुचिकर हो गए हैं और किसी के भी द्वारा किसी भी समय खेले जा सकते हैं हालांकि, पढ़ाई और अन्य किसी में भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इनका बचपन से ही अभ्यास होना चाहिए।
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स्पोर्ट्स और खेल दोनों ही शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती को सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और सरल तरीके हैं। आजकल, स्पोर्ट्स और खेलों का क्षेत्र, सरकार के प्रयासों के द्वारा बढ़ गया है। हम में से कोई भी, भोजन, स्वास्थ्य और शरीर की तंदरुस्ती को बनाए रखने के साथ खेलों में एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकता है। यह सफलता और अच्छी नौकरी पाने का बहुत ही अच्छा तरीका है। यह नियमित रुप से मनोरंजन और शारीरिक गतिविधियों को प्राप्त करने का अच्छा साधन है। यह चरित्र और अनुशासन की तकनीकी है, जो हमें पूरे जीवनभर थामे (पकड़े) रहती है। यह हमें सक्रिय बनाती है और हमें ऊर्जा और ताकत देती है।
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National Sports Day Bhanshan
यह हमें बहुत ऊर्जा और मजबूती प्रदान करने के साथ ही पूरे शरीर में रक्त संचरण में सुधार करके सभी तरह की थकान और सुस्ती को सुधारता है और शारीरिक और मानसिक अच्छाई को बढ़ावा देता है। यह एक व्यक्ति की कुशलता, कार्य क्षमता को सुधारता है और मानसिक और शारीरिक रुप से थकान होने से बचाव करता है। यह छात्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का अभिन्न हिस्सा है। खेल और शिक्षा दोनों ही, एक साथ जीवन में सफलता प्राप्त करने के सबसे अच्छे तरीके हैं।
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Short Essay/Nibandh #1
नचंद जी का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। ध्यानचंद जी सन 1922 में सेना में भर्ती हो गए और चार वर्ष के पश्चात न्यूजीलैंड दौरे पर गयी भारतीय हॉकी टीम में ध्यानचंद जी का चयन हो गया। सन 1928 में जब भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक्स खेलने गयी जिसमें भारतीय टीम ने ध्यानचंद की अगवाई में ऑस्ट्रेलिया को 6-0 नीदरलैंड को 3-0 इसके इलावा भी अपने बाकी मुकाबलों में सभी टीमों को धूल चटाई और पहला ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीता। इस जीत पर मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी विजार्ड ‘ के खिताब से सम्मानित किया गया।
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सन 1936 में बर्लिन ओलिंपिक शुरू हुआ जिसमें भारतीय हॉकी टीम ने मेजर ध्यानचंद की नेतुत्व में बेहतर प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। भारतीय टीम ने बढिया प्रदर्शन दिखाते हुए जर्मनी की टीम को धूल चटाई इस महामुकाबले को जर्मन के तानाशाह हिटलर खुद इस मैच को देख रहे थे जिस हिटलर को तोपें , तलवारें नहीं डिगा पाई उसे हॉकी के जादूगर ध्यानचंद ने अपने खेल के दम पर सिर झुकाने के लिए मजबूर कर दिया। बड़े से बड़ा लालच देने के बाद भी ध्यानचंद ने हिटलर के हर प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उन्होंने भारतीय फ़ौज और हॉकी की सेवा में अपना जीवन त्याग दिया। जिसके लिए सन 1956 में उन्हें पद्दम भूषण के खिताब से सम्मानित किया गया। सन 1948 में ध्यानचंद जी ने हॉकी से सन्यास ले लिया और 3 दिसम्बर 1979 को एक बिमारी के चलते उनका निधन हो गया।
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उसी प्रकार बच्चों की खेल में भागीदारी भी जरुरी है। अधिकतर पेरेंट्स को लगता है की बच्चे अगर खेलेंगे तो उनका करियर ख़राब हो जाएगा और वह बर्बाद हो जाएँगे। लेकिन आज के इस दौर में ऐसे कई लोग मौजूद है। जिन्होंने खेल के क्षेत्र में अच्छा करियर तो बनाया ही है साथ ही साथ दौलत और शौहरत भी खूब कमाई है।
Short Essay/Nibandh #2
खेल बहुत अच्छे शारीरिक और मानसिक व्यायाम के लिए सबसे अधिक आसान और आरामदायक तरीका है। यह वैयक्तिक वृद्धि और विकास के साथ ही देश के लिए भी उपयोगी होता है। हम नियमित रुप से खेलने के लाभ और महत्व को कभी भी अनदेखा नहीं कर सकते हैं। खेल एक व्यक्ति को अच्छी भावना प्रदान करता है और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
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यह हमें हमेशा तंदरुस्त और स्वस्थ रखने के साथ ही मादक पदार्थों की लत, अपराध और विकारों की समस्याओं से दूर रखता है। सरकार द्वारा बच्चों और विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए बढ़ावा देने और इनके माध्यम से लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए खेलों का आयोजन राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। कोई भी खेल बहुत ही साधारण होता है हालांकि, इसके लिए नियमित रुप से अभ्यास, ध्यान और कठिन कार्य करने की आवश्यकता है।
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खेल दिवस पर हर साल खेलों में अच्छे योगदान के लिए पुरस्कार आदि भी दिए जाते है। इस दिन स्कूल, कॉलेज में खेल से जुड़ी कई प्रतियोगिता का आयोजना भी किया जाता है। जिसका मकसद अधिक से अधिक बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। किसी भी खेल में बच्चों की रूचि होना अच्छा होता है। आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में हर किसी को थोड़ा समय खेल के लिए जरूर निकालना चाहिए। खेलने से मानसिक और शारीरिक संतुलन बना रहता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है।