Hariyali Teej 2020: नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं हरियाली तीज त्योहार के बारे में, हरियाली तीज त्यौहार को सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, इसके अलावा आपको बता दे की हरियाली तीज को कज्जली तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष हरियाली तीज 13 और 14 अगस्त को मनाई जा रही है। लेकिन आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर तीज क्यों मनाई जाती है? और इसका क्या महत्व है ? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलने वाले हैं, जिसे जानने के लिए आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा।
हरियाली तीज की शुरुआत सबसे पहले गिरिराज हिमालय की पुत्री पार्वती जी ने की थी, जिसके बाद शिव शंकर भगवान पर्वती जी को पति के तौर पर प्राप्त हुए थे।
कुंवारी लड़कियां एक अच्छी वर पाने के लिए, हरियाली तीज पर व्रत रखते है और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं।
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया।
माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव जी ने आशीर्वाद दिया था कि जो भी कुंवारी लड़की हरियाली तीज पर व्रत रखेगी, तो उस कन्या को अपनी शादी के समय पर बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज
ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए काफी कठोर तपस्या की थी, इसके बाद माता पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ था। माता पार्वती की कठोर तपस्या से खुश होकर भगवान शंकर ने श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मां पार्वती से विवाह किया था। अब से लेकर अब तक हरियाली तीज त्योहार को मनाया जा रहा है।
श्रृंगार का महत्व
हरियाली तीज वाले दिन श्रृंगार का बहुत अधिक महत्व होता है। हरियाली तीज के दिन सुहागनों को 16 श्रृंगार करने का विधान है। जो ये ना कर सकें वे तीन महत्वपूर्ण श्रृंगार- मेहंदी, चूड़ी और साड़ी अवश्य पहनकर पूजन करें।
हरियाली तीज का मुहूर्त
तृतीया तिथि 22 जुलाई को शाम सात बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 23 जुलाई को शाम पांच बजकर चार मिनट तक रहेगी।