राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध 2023 | National Unity Day Essay in Hindi | Ekta Diwas Nibandh देशभर में 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती बड़ी धूम-धाम के साथ मनाई जाती है। सरदार पटेल ने भारत के निर्माण और देश की रियासतों के भारत में विलय में एक अहम योगदान निभाया था। सरदार पटेल ने भारत को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया। सरदार पटेल की मेहनत और उनके जज्बे की वजह से ही देश की 500 से अधिक रियासतों का भारत में विलय मुमकिन हो पाया। सरदार पटेल के जन्मदिन को राष्ट्रिय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और एकता दिवस पर स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा आदि में निबंध लिखने के लिए आ जाता है। आज हम एकता दिवस पर निबंध लेकर आए है।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध 2023
राष्ट्रिय एकता से तात्पर्य देश की एकता से है और सरदार पटेल जी ने 500 से अधिक रियासतों को भारत में मिलाकर एक नए भारत का निर्माण किया। सरदार पटेल ने एक ऐसा काम किया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। हर किसी के लिए सरदार पटेल प्रेरणा है और देश के प्रति उनकी निष्ठा और योगदान को याद करते हुए एकता दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत में वर्ष 2014 में पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। भारत की गणना विश्व के सबसे बड़े देशों में से एक के रूप में की जाती है जो कि पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, जहाँ 1652 के आसपास भाषाऍ और बोलियाँ बोली जाती है। यह देश दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों को जैसे हिंदू, बौद्ध, ईसाई, जैन, इस्लाम, सिख और पारसी धर्मों को विभिन्न संस्कृति, खानपान की आदतों, परंपराओं, पोशाकों और सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ शामिल करता है। यह जलवायु में काफी अन्तर के साथ एक विविधतापूर्ण देश है। देश में प्रमुख भिन्नता होने के बाद भी, इसका प्रत्येक भाग एक ही संविधान द्वारा बहुत शांति के साथ नियंत्रित है।
Rashtriya Ekta Diwas par Nibandh
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण सबसे बड़ी समस्या थी। 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल ने रियासतों के प्रति नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘रियासतों को तीन विषयों – सुरक्षा, विदेश तथा संचार व्यवस्था के आधार पर भारतीय संघ में शामिल किया जाएगा।’ धीरे धीरे बहुत सी देसी रियासतों के शासक भोपाल के नवाब से अलग हो गये और इस तरह नवस्थापित रियासती विभाग की योजना को सफलता मिली। भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया था जो स्वयं में संप्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था। सरदार पटेल ने आज़ादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पी.वी. मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हें स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाडों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। 15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष भारतीय रियासतें ‘भारत संघ’ में सम्मिलित हो गयीं। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ़ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया।
एकता दिवस मैसेज, SMS, शायरी, स्टेटस | National Unity Day Messages, Shayari, Status
Ekta Diwas Essay
एकता में सबसे बड़ा बाधक स्वहित हैं आज के समय में स्वहित ही सर्वोपरि हो गया है। आज जब देश आजाद हैं आत्म निर्भर हैं तो वैचारिक मतभेद उसके विकास में बेड़ियाँ बनी पड़ी हैं। आजादी के पहले इस फुट का फायदा अंग्रेज उठाते थे और आज देश के सियासी लोग। देश में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने किया था। वे उस सदी में आज के युवा जैसी नयी सोच के व्यक्ति थे। वे सदैव देश को एकता का संदेश देते थे। उन्हीं को श्रद्धांजलि देने हेतु उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
National Unity Day Essay in Hindi
आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस को सर्वप्रथम 2014 में भारत के केन्द्रीय सरकार द्वारा इस दिन को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया गया और इस दिन सभी लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्यो को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है |
किसी भी देश की ताकत सभी भारतीय आपस उस देश की एकता में निहित होती है और यदि देश बड़ा और विभिन्न धर्म, भाषा के लोग रहने वाले हो तो उन्हें एकता की डोर में बाधकर रखना मुश्किल होता है लेकिन हमारे देश भारत की सबसे बड़ी यही खूबसूरती है की इतने धर्म, संप्रदाय, जाति के बावजूद आपस में मिलजुलकर रहते है और देश के एकता को बनाये रखे हुए है |
राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता 2023 | National Unity Day Poem in Hindi | Ekta Diwas Kavita
हमारे देश भारत को आजादी मिलने के पश्चात हमारे देश में अनेक 500 से अधिक देशी रियासते थी जो की सबको आपस में मिलकर एक देश का गठन करना बहुत ही मुश्किल था, सभी रियासते अपनी सुविधानुसार अपना शासन चाहते थे लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सुझबुझ और इन रियासतों के प्रति अपनी स्पष्ट नीति के चलते इन्हें भारत देश में एकीकरण किया गया और इस प्रकार 3 देशी रियासते जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद भारत में मिलने से मना कर दी जिसके पश्चात भारी विरोध के बाद जूनागढ़ का नवाब हिंदुस्तान छोडकर भाग गया, जिसके पश्चात जूनागढ़ भारत में मिल गया और कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी राज्य की सुरक्षा को आश्वासन लेकर कश्मीर को भी भारत में मिला दिया और अंत में हैदराबाद के निजाम ने जब भारत में मिलने से मना किया तो लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने तुरंत वहा सेना भेजकर निजाम को भी आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया जिसके पश्चात हमारे भारत देश का नवनिर्मित गठन हुआ जिसे संघ राज्यों का देश भी कहा जाता है और इस प्रकार अनेक होते हुए भी एक भारत का निर्माण हुआ |
Ekta Diwas Nibandh
कोई भी देश तभी तक सुरक्षित रहता है जबतक की उस देश की जनता और शासन में आपसी एकता और अखंडता निहित होती है हमारे देश की इसी आपसी एकता की कमी का फायदा उठाते हुए अंग्रेजो ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति पर हमारे देश में 200 से अधिक वर्षो तक राज किया, हमारी इस गुलामी के कई कारण थे जैसे भारत के सभी राज्यों, रियासतों में आपसी कोई तालमेल नही था सभी रियासतों के राजा सिर्फ अपनी अपनी देखते थे अगर कोई बाहरी शत्रु आक्रमण करे तो कोई भी एक दुसरे का साथ नही देने आता था यही अनेक कारण थे जिसके कारण हमारा देश इसी एकता के अभाव में विकास के राह से भटक गया और जो भी आया सिर्फ यहाँ लुटा और चला गया |
राष्ट्रिय एकता दिवस कोट्स 2023 | National Unity Day Quotes in Hindi
Short Essay on National Unity Day
अब चूकी हमारा देश आजाद है इसका मतलब यह नही है की हमारे देश पर कोई बुरी नजर नही डाल सकता है हम सभी को अपने देश अंदर उन आसामाजिक तत्वों से खुद को बचा के रखना है जो हमे आपस में बाटने को कोशिश करते है और साथ में देश के बाहरी दुश्मनों से भी चौक्कना रहना है तभी हमारा भारत भारत एक अखंड भारत बन सकेगा |
राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण 2023 | National Unity Day Speech in Hindi | Ekta Diwas Bhashan
ऐसे में अब हमे अपनी आजादी मिलने के बाद हम सबकी यही जिम्मेदारी बनती है की जब भी देश की एकता की बात आये तो सभी भारतीयों को अपने धर्म जाति से उठकर सोचने की आवश्यकता है और एक सच्चे भारतीय भारतीय की तरफ कंधे से कंधा मिलाकर देश की अखंडता में अपनी अपनी भूमिका निभाना है |
राष्ट्रिय एकता दिवस स्लोगन, पोस्टर 2023 | National Unity Day Slogan, Poster, Banner
उम्मीद करते है की राष्ट्रिय एकता दिवस पर निबंध आपकी परीक्षा में काफी मदद करेंगे। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें।