दीपावली, जिसे भारतीय प्रकाश का त्योहार भी कहा जाता है, हर साल अक्टूबर महीने में आता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि प्रकाश अंधकार को हरा सकता है। ‘दीपावली’ शब्द संस्कृत शब्द ‘दीपावलि’ से आया है। दीपावली भारतीयों का सबसे बड़ा त्योहार है। आज हम आपको इस पांच दिनों के त्योहार के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
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पहला दिन – धनतेरस: पहले दिन हम धनतेरस का जश्न मनाते हैं। इस दिन परिवार साथ में अपने घर को साफ-सफाई करता है। यह दिन माँ धन्यलक्ष्मी की पूजा के रूप में मनाया जाता है।
दूसरा दिन – नरक चतुर्दशी: दूसरे दिन नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन पूरे घर को फूलों और दीपावली की दीयों से सजाया जाता है। यह दिन दिवाली की खुशियों से घर को भर देता है।
तीसरा दिन – लक्ष्मी पूजा: तीसरे दिन हम लक्ष्मी पूजा करते हैं। इस दिन हम अपने घर पर लक्ष्मी पूजा करते हैं। यह पूजा हमें संतुलन, समृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति के लिए धन्यवादी बनाती है।
चौथा दिन – गोवर्धन पूजा: चौथे दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाते हैं। इस दिन गाय की पूजा की जाती है, जिससे हम धन्यवाद का अभिवादन करते हैं।
पांचवा दिन – भैया दूज: पांचवे दिन को भैया दूज कहा जाता है, जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए पूजा करती है। यह एक प्रेम और सम्बन्ध का पर्व है।
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दीपावली का यह पांच दिनों का त्योहार हमें जोड़ने, आपसी समरसता का महत्व बताने और उम्मीद और प्रकाश की प्रतीक्षा कराता है। यह सबसे प्रमुख भारतीय त्योहारों में से एक है जो हमारे संस्कृति और विविधता को मनाता है, जब हम आपस में प्यार और शुभकामनाएँ बांटते हैं। दीपावली का यह त्योहार हमें आत्मा की ऊर्जा और संक्षिप्त जीवन के आनंद को महसूस कराता है, जब हम प्रकाश की ओर बढ़ते हैं और अपने जीवन को और भी उजागर बनाते हैं।
दीपावली त्योहार पर हम अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर इसे मनाते हैं। सुबह समय में हम सबसे पहले अपने घर को सजाते हैं। इसके बाद हम अपने घर के द्वार के पास रंगोली बनाते हैं। इसके बाद हम अपने दोस्तों को दीपावली की शुभकामनाएँ भेटते हैं।
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शाम को हम भगवान लक्ष्मी और गणेश के सामने पूजा करते हैं। इस पूजा के दौरान हम दिव्य प्रकाश की ओर दृष्टि देते हैं। इसके बाद हम पटाखे जलाते हैं। क्योंकि पटाखे के बिना दीपावली अधूरी सी महसूस होती है। पटाखों की धड़कन, रंगों की चमक, और मिठाई की मिठास से सजीव हो जाता है। यह त्योहार हमें एक-दूसरे के साथ संबंधों की महत्वपूर्णता को समझाता है, और साथ में खुशियों और प्यार का महौल बनाता है। दीपावली हमारी संस्कृति और आदतों की महत्वपूर्ण विशेषता का प्रतीक है, जिसमें ज्यों ही प्रकाश अंधकार को हरा देता है, हमारी आत्मा में भी उसी प्रकार की प्रेरणा का निवास होता है।
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