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धनतेरस कब है, क्यों मनाया जाता है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामान खरीदने का समय, कुबेर मंत्र, आरती

दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार देशभर में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली हिन्दुओं का प्रमुख्य त्यौहार है जिसकी शुरुआत दीपावली के साथ ही जाती है। काफी लोग जानते है की धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है? धनतेरस के इतिहास बारे में कुछ जानकारी लेकर आए। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको बता चल जाएगा की धनतेरस क्यों मनाई जाती है। धनतेरस पर किसकी पूजा होती है? धनतेरस कब है? Kab Hai धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त? इस दिन आभूषण, बर्तन या फिर नए सामान खरीदने को शुभ क्यों माना जाता है? धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या है? इन सभी के बारे में इस आर्टिकल में जानकारी दी जा रही है तो दोस्तों इस आर्टिकल को शुरू से आखिर तक पूरा पढ़े-

धनतेरस कब है, क्यों मनाया जाता है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामान खरीदने का समय, कुबेर मंत्र, आरती
धनतेरस कब है, क्यों मनाया जाता है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामान खरीदने का समय, कुबेर मंत्र, आरती

धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’ इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है। जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है।
dhanteras tyohar kyu manaya jata hai

Why We Celebrate Dhanteras Festival

शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

धनतेरस की पूजा विधि 2022

आज देशभर में बड़ी ही धूम-धाम से धनतेरस का त्यौहार मनाया जा रहा है| धनतेरस की खरीददारी के लिए देश के सभी बाजार सज चुके है और लोगों की जबरदस्त भीड़ बाजारों में धनतेरस के दिन नई चीजें खरीदने के लिए पहुँच रही है| धनतेरस पर माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर और धनवंतरी की पूजा अर्चना की जाती है| क्या आप जानते है की धनतेरस की पूजा विधि क्या है? सही तरीके से धनतेरस पर पूजा करने से आपकी धन-धन संपदा में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है| तो आइए और जानिएड धनतेरस पूजा विधि के बारे में|

Dhanteras Ki Puja Vidhi in Hindi

धनतेरस पर माँ लक्ष्मी, कुबरे को सही पूजा विधि से प्रसन्न करके आप इस धनतेरस पर उनका आशीर्वाद पा सकते है| धनतेरस की सही पूजा विधि क्या है| इसके बारे में आप यहाँ इस पोस्ट में जान लीजिए| धनतेरस का त्यौहार हिन्दू धर्म के लोगों के लिए एक विशेष महत्व रखता है| धनतेरस पर श्याम के समय पूजा करने की परंपरा है| ऐसी मान्यता है की धनतेरस पर माता लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की पूजा अर्चना करने से धन वर्षा होती है|

– सबसे पहले नहाकर साफ वस्त्र पहनें।

– भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।

– उसके बाद भगवान धन्वंतरि का आह्वान इस मंत्र से करें।

सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,
अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।

– इसके बाद पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। आचमन के लिए जल छोड़ें और भगवान धन्वंतरि को वस्त्र (मौली) चढ़ाएं।

– भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर पर अबीर, गुलाल पुष्प, रोली और अन्य सुगंधित चीजें चढ़ाएं।

इसके बाद आचमन के लिए जल छोड़ें। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को चढ़ाएं।

Dhanteras Pooja Mantra

मंत्र – ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।

फिर भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कर्पूर आरती करें।

धनतेरस पर पूजा करते समय धनतेरस पूजा मंत्र का भी जाप करें| यहाँ धनतेरस पूजा मंत्र जाप बताया गया है जो आपकी धनतेरस की पूजा को सफल बनाने में कारगर साबित होगा|

धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं 2022 | Dhanteras Ki Shubhkamnaye Sandesh | Dhanteras Shubhechha in Marathi

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस का त्यौहार हर साल दिवाली से दो दिन पहले बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है| धनतेरस के दिन देशभर के छोटे-बड़े बाजारों में काफी रौनक रहती है| धनतेरस पर नई चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। यही वजह है की इस दिन बाजारों में काफी भीड़ रहती है। धनतेरस पर एक शुभ समय के अंतराल पर आभूषण या अन्य कोई सामान खरीदना काफी अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है की धनतेरस खरीदारी के शुभ समय पर सामान के खरीदने से सुख-समृद्धि प्राप्ति होती है।

अन्य शहरों में धनत्रयोदशी मुहूर्त

19:31 से 20:36 – पुणे
19:01 से 20:17 – नई दिल्ली
19:13 से 20:13 – चेन्नई
19:10 से 20:24 – जयपुर
19:14 से 20:18 – हैदराबाद
19:02 से 20:18 – गुरुग्राम
18:59 से 20:18 – चण्डीगढ़
17:05 से 18:03, अक्टूबर 23 – कोलकाता
19:34 से 20:40 – मुम्बई
19:24 से 20:24 – बेंगलूरु
19:29 से 20:39 – अहमदाबाद
19:00 से 20:16 – नोएडा

Dhanteras Ka Shubh Muhurat

इस साल धनतेरस का त्यौहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा| धनतेरस पर सोने-चांदी की चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है| ऐसी मान्यता है की इस दिन सोने-चांदी की वस्तुएं खरीदने से घर में लक्ष्मी माता निवास करती है और धन-संपदा में वृद्धि होती है|

धनतेरस पर खरीददारी करने के शुभ मुहूर्त

धनतेरस पूजा शनिवार, अक्टूबर 22, 2022 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त – 19:01 से 20:17
अवधि – 01 घण्टा 16 मिनट्स
यम दीपम शनिवार, अक्टूबर 22, 2022 को
प्रदोष काल – 17:45 से 20:17
वृषभ काल – 19:01 से 20:56
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 22, 2022 को 18:02 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 23, 2022 को 18:03 बजे

धनतेरस के दिन घरों में दीपक जलाए जाते है| धनतेरस के दिन घरों में भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है| ऐसी मान्यता है की धनतेरस के दिन नए सामान खरीदने से घर में धन की वर्षा होती है|

हर साल धनतेरस का त्यौहार इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर-नवंबर महीने के बीच में मनाया जाता है| धनतेरस एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन हिन्दू धर्म के लोग के अलावा अन्य धर्म के लोग भी नई वस्तुएं खरीदते है|

Kuber ji ki aarti

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें॥
॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े
अपने भक्त जनों के ,
सारे काम संवारे॥
॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले॥
॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
यक्ष कुबेर जी की आरती ,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥

kuber mantra

शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम।। * कुबेर का षोडशाक्षर मंत्र– ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:। * कुबेर का प्राचीन दिव्य मंत्र– ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धिम् देहि दापय दापय स्वाहा।

kuber mantra in hindi

धनतेरस पर क्या खरीदे क्या नहीं इसके लिए पहले से ही विचार विमर्श करके ही बाजार में जाये| धनतेरस पर देशभर के बाजारों में काफी भीड़ रहती है| ऐसे में आप धनतेरस पर जाम में फंसकर ही अपना सारा समय बर्बाद ना करें|

धनतेरस पर निबंध 2022 | Dhanteras Essay in Hindi | Dhanteras Nibandh PDF File Download

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