अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता 2023 | Poem on International Day of the Girl Child in Hindi अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर मनाया जाता है वही भारत राष्ट्रिय बालिका दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है। इन दोनों का एक ही उद्देश्य है की समाज में बालिकाओं को बालकों के बराबर का दर्जा मिले और उन्हें वह सब करने की आजादी मिले जो एक लड़का करता है। आज के जमाने में पूरी दुनिया में लड़कियां लड़कों से कंधे से कन्धा मिलकर चल रही है लेकिन समाज में कई ऐसे लोग है जो लड़कियों के प्रति अच्छी सोच नहीं रखते है। महिला संरक्षण एक बड़ा मुद्दा है जो पूरी दुनिया में जोर शोर से प्रचलित है। इंटरनेशनल डे ऑफ़ द गर्ल चाइल्ड या विश्व बालिका दिवस पर हम इससे जुड़ी कविता लेकर आए है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता 2021
दुनियाभर में आज भी ऐसे ढेरों लोग है जिनकी सोचा काफी रूढ़िवादी है। वह नहीं चाहते की लड़कियां पढ़े-लिखे और आत्मनिर्भर बने। विश्व बालिका दिवस पर लड़कियों और महिलाओं को उनके अधिकार के प्रति जागरूक किया जाता है और उन्हें कुछ कर गुजरने का हौसला दिया जाता है।
आने दो इस धरा पे मुझको
नेह भरी निगाह से देख सकूंगी मैं सबको
कसूर क्या है मेरा ये पूछुंगी जग से
भ्रूण हत्या ना करें ये कहूंगी तब जग सेआराध्य से मांगे वरदान
सारे पुण्य व्यर्थ जाएंगे
जब करोगे भ्रूण हत्याएं
सारे जग में कहीं-न कहींभ्रूण हत्याओं की हृदय विदारक
खबरें सुन-सुनकर
सिसक रही हूं मैं गर्भ में
मैं तो अभी भ्रूण हूं
किंतु भ्रूण भी तो सीख जाता
अभिमन्यु-सा चक्रव्यूह
भेदने का राजदुनिया के लोभी चक्रव्यूह
को मैं तोड़ना चाहती हूं
अभी बोल नहीं पाती
लेकिन समझ तो जाती हूंबेटी हूं तो क्या हुआ
धरा पर आकर
उड़ान भरुंगी नभ में
तैरुंगी गहरे जल में
दौड़ूंगी पथरीले थल में
क्योंकि मुझे भी तो
देश की रक्षा व नाम रोशन करने का हक हैकोयल की कूक बन जाउंगी
फूलों की खुशबु बन महक जाउंगी
रिश्तों का अर्थ सबको समझाउंगी
जीने का अधिकार
ईश्वर ने दिया सब को
तो भला क्यों मारते हो हमेंबस आने तो दो इस धरा पे मुझको
नेह भरी निगाह से देख सकुंगी मैं सबको
कसूर क्या है मेरा पुछुंगी ये तब जग से
भ्रूण हत्या ना करे ये कहूंगी तब मैं सब से
Poem on International Day of the Girl Child in Hindi
भारत में बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है। इस दिन ही इंदिरा गांधी को भारत की पहली महिला पीएम बनने का अवसर मिला था। यही वजह है की इस दिन को राष्ट्रिय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कन्या भ्रूण का हो क्यों हनन?
इस पर थोड़ा करो मनन!
जीव का है जीवन अधिकार
फिर क्यों उस पर अत्याचार?जननी जन्मदायिनी कन्या,
इससे चलता है संसार,नाम हो कुल का बेटे से,
तो वंश पनपता बेटी से,बेटी बिना है सूना जीवन,
बिन चिडि़या के जैसे आँगन,
बिन खुशबू के चंदन काठ,
कन्या भ्रूण पर कुठाराघात,है समाज का घोर कलंक,
भर लो उसको अपने अंक।
International girl child day Poems
Balika Diwas par kavita
पार्वती माता का प्रतीक
दुर्गा शक्ति का प्रतीक
सीता , मंदोदरी, रुकमनी भार्या का प्रतीक
मीरा , राधा प्रेम का प्रतीक
गंगा , पवित्रता का प्रतीक
सरस्वती , ज्ञान का प्रतीक
लक्ष्मी , धन का प्रतीक
बाजार , वासना का प्रतीक
तीन तत्व , अग्नि , धरती , वायु
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2023 पर बालिकाओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए हम बालिका दिवस कविता की एकर आए है। हम उम्मीद करते है की आप सभी की ये कविताएं जरूर पसंद आएगी। विश्व बालिका दिवस के अवसर पर बालिकाओं के साथ इन कविता को शेयर कर उन्हें इस दिन सेलिब्रेट करें।