मुहर्रम मैसेज, कोट्स, शायरी, SMS, स्टेटस, इमेज, Muharram Messages, Shayari, Status, Images: आज 21 सितंबर को पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मुहर्रम का त्यौहार मनाया जा रहा है| मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है जिसे इस्लाम धर्म के पवित्र महीनों में से एक माना जाता है| हिजरी सन की शुरुआत इसी महीने से होती है| मुहर्रम शब्द में इस्तेमाल होने वाले हराम शब्द का अर्थ है- किसी चीज पर पाबन्दी| हर साल मुहर्रम की तारीख इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक तय होती है| इस साल मुहर्रम का महीना 11 सितंबर से शुरू हुआ है| इस महीने के एक विशेष दिन सभी मुस्लिम लोग शोक मनाते है| यह विशेष दिन मुहर्रम महीने का 10वां होता है| मुहर्रम से जुड़े मैसेज, कोट्स, एसएमएस, शायरी, इमेज आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर उन्हें मुहर्रम की बधाई दें|
मुहर्रम मैसेज, SMS
मुहर्रम शहीद को श्रद्धांजलि देने के रूप में भी मनाया जाता है| मुहर्रम एक शोक दिवस है| मुहर्रम के महीने में 10 दिनों तक पैगम्बर मुहम्मद साहब के वारिस इमाम हुसैन की तकलीफों का शोक मनाया जाता है| पर जंग में शहीद होने वाले लोगों की शहादत के रूप में मनाया जाता है और तजिकीया सजाकर इसे जाहिर किया जाता है| मुहर्रम के इन दस दिनों को आशुरा कहा जाता है| सुन्नी समुदाय के लोग इन 10 दिनों में रोजा रखते है| वही शिया समुदाय के लोग काले रंग के कपड़े पहनते है|
फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई
वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई
नमाज़ 1400 सालों से इंतज़ार में है
हुसैन की तरह मुझे फिर अदा करे कोई
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हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है
ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है
सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्श वाला
तू धीरे गुजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है
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वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया
घर का घर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया
नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम
उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम
मुहर्रम 2019 कोट्स
इस दिन ताजिया निकालते है| ताजिया बांस से बनाई जाती है, यह झांकियो की तरह सजाई जाती है| इमाम हुसैन की कब्र बनाकर दफनाई जाती है|
पानी की तलब हो तो एक काम किया कर
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत
जालिम हो मुक़ाबिल तो मेरा नाम लिया कर
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क्या हक़ अदा करेगा ज़माना हुसैन का
अब तक ज़मीन पे क़र्ज़ है सजदा हुसैन का
झोली फैला कर मांग लो मोमिनो
हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का
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एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन
है मेरे नसीब में परचम हुसैन का
फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख
होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का
मुहर्रम शायरी
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का
कुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन का
सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ले
महंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का
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दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया
जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया
हर जर्रे को नज़फ का नगीना बना दिया
हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया
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कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है
यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन
हुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है
मुहर्रम व्हाट्सप्प स्टेटस
अपनी तक़दीर जगाते है तेरे मातम से
खून की राह बिछाते हैं तेरे मातम से
अपने इज़हार-ए-अक़ीदत का सिलसिला ये है
हम नया साल मनाते है तेरे मातम से
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सिर गैर के आगे ना झुकाने वाला
और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन
हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला
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क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने
सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।
मुहर्रम इमेज