फिल्म पद्मावत की रिलीज़ को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुँची राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है| सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्यों को फिल्म पर रोक लगाने से इंकार कर दिया| दोनों राज्यों ने फिल्म के रिलीज़ होने से राज्यभर में दंगे फसाद होने की दलील दी थी, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए| अदालत ने राज्यों से कहा की यह आपकी जिम्मेदारी है की राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखा जाए|
आपको बता दें की सेंसर बोर्ड से फिल्म को हरी झंडी मिले के बावजूद चार राज्यों ने इस फिल्म को राज्य में रिलीज़ होने पर रोक लगा दी थी| सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले ही इस मामले पर सुनवाई करते हुए फिल्म को बिना किसी रोक के पूरे देशभर में रिलीज़ करने का आदेश दिया था| कोर्ट ने इस मांमले पर सुनवाई करते हुए कहा था की यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म से जुडी दाखिल की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया| अदालत ने राज्यों से कहा की किसी संघटन की धमकी की वजह से फिल्म पर रोक नहीं लगाई जा सकती| वही दूसरी ओर करणी सेना ने कहा की वह जनता की अदालत में जा कर फिल्म को रोकने की माँग करेंगे| आपको बता दें की फिल्म पद्मावत गुरुवार 25 जनवरी को देशभर में रिलीज़ होने जा रही है| करणी सेना का कहना है की फिल्म पद्मावत के कारण लोगो की भावनाओं को ठेस पहुँचायी जा रही है|
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करणी सेना फिल्म के खिलाफ देशभर में लगातार प्रदर्शन कर रही है| करणी सेना के प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कालवी ने अपने फैसले से यू-टर्न ले लिया है, वह फिल्म को रिलीज़ होने से पहले नहीं देखेंगे| फिल्म को लेकर जारी लगत विरोध के कारण फिल्म मेकर ने फैसला किया था की फिल्म को रिलीज़ करने से पहले करणी सेना के प्रमुख को दिखाई जाए, जिसके लिए उन्हें पत्र लिख कर न्योता भी दिया गया था, जिसे सोमवार को कालवी ने स्वीकार किया था, लेकिन आज मंगलवार को अपने इस फैसले से वह मुकर गए| फिल्म को ना देखने का फैसला करते हुए, फिल्म के खिलाफ विरोध जारी रखने का फैसला किया| विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार से अध्यादेश लेन की माँग कर रहे है|