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दुनिया के 10 विचित्र और पुराने पेड़ों को देखकर रह जाएंगे आप हैरान

दुनिया के 10 विचित्र और पुराने पेड़ों को देखकर रह जाएंगे आप हैरान :- आपने अपने जीवन के कई तरह के पेड़ देखे होंगे लेकिन आज हम आपको विचित्र तरह के पेड़ के बारे में बताने जा रहे है। जिनके बारे में आपने शायद की कभी पढ़ा और उन्हें देखा होगा। दुनिया के कई हिस्सों में कुछ इस तरह के पेड़ मौजूद है जो देखने में सामान्य पेड़ से बिलकुल अलग है। इन पेड़ की शेप बिल्कुल ही अलग तरह की है। इन पेड़ों ने अपनी अलग शेप की वजह से विश्व में प्रसिद्धि हासिल की है। यह पेड़ ना तो चमत्कारी है और ना ही रहस्यमी, लेकिन इनकी बनावट से यह पेड़ सामान्य पेड़ के मुकाबले काफी अलग है। यही वजह है की इन पेड़ों को विचित्र पेड़ों की श्रेणी में रखा गया है। बाबा रामदेव योग इन हिंदी

बाओबाब के पेड़ (मेडागास्कर) : अफ्रीका की धरती पर स्तिथ बाओबाब वृक्ष अपनी मजबूती के लिए जाने जाते है। इन्हे हिन्दू भाषा में गोरक्षी के नाम से जानते है। इनकी लंबाई 30 मीटर और लगभग 11 मीटर चौड़े होते है। इस पेड़ को एक नजर में देखने पर आप हैरान हो जाएँगे। इस वृक्ष को देखने पर आपको यह उल्टा लगेगा। जैसे इसकी जड़े ऊपर है और तने नीचे है। यह पेड़ छह महीने हरा-भरा रहता है और छह महीने बंजर रहता है। एलियंस के संबंध में कुछ अहम बाते 

दुनिया के 10 विचित्र और पुराने पेड़

इस पेड़ को कई नामों से जाना जाता है की जैसे बोआब, बोआबोआ, बोतल वृक्ष तथ उल्टा पेड़ आदि। अरबी भाषा में इसे ‘बु-हिबाब’ कहा जाता है जिसका अर्थ है ‘कई बीजों वाला पेड़’। इस पेड़ को ‘द वर्ल्ड ट्री’ भी हासिल है यह एक संरक्षित पेड़ है।

यह पेड़ रोमन समय से खड़े है। ऐसा बताया जाता है की यह पेड़ 1200 साल पुराने है। जानकारों के अनुसार इन पेड़ों में 1 लाख 17 हजार 348 लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है। इस प्रजाति के कई पेड़ मौजूद है।

चमत्कारिक बरगद : भारत के आंध्र प्रदेश के नालगोंडा में स्तिथ पेड़ की विचित्रता है की इन पेड़ पर कई सारे जानवर जैसे सांप, बिच्छु, मगरमच्छ, शेर, अजगर आदि खतरनाक पशु और पक्षियों की आकृतियां बनी हुई है। इसका तना दुनिया में किसी भी पेड़ के तने से बड़ा है। कुछ लोगों का मानना है की इस पेड़ पर जानवरों के चित्र ने बनाया है जबकि कुछ इसे कुदरत का करिश्मा बताते है। पूरी दुनिया में यह इकलौता पेड़ है। जिस प्रकार से इस पेड़ के हर हिस्से में कला कृति बनी हुई है। उससे ऐसा नहीं लगा की इन्हे किसी ने बनाया होगा। नालगोंडा आंध्रप्रदेश का एक महत्‍वपूर्ण जिला है इस जिले का पहले नाम नीलगिरी था। नालगोंडा को पुरातत्‍वशास्त्रियों का स्‍वर्ग कहा जाता क्योंकि यहां पाषाणयुग और पूर्वपाषाण युग के अवशेष पाए गए हैं।

पोलैंड में चीड़ के पेड़ (pine trees) : पोलैंड में ग्रेफाइनो के जंगलो में स्तिथ 400 चीड़ के वृक्ष अपनी शेप की वजह से विचित्र पेड़ों की श्रेणी में शुमार है। इन फॉरेस्ट पाइन के वृक्षों को साल 1930 में लगाया गया था। पोलैंड में ग्रेफाइनो के जंगल में 400 चीड़ के ऐसे वृक्ष हैं जो अपनी अद्भुत आकृति के लिए प्रसिद्ध हैं। इस जंगल को क्रूक्ड फॉरेस्ट कहते हैं। इन पेड़ों की शेप को इंसान के द्वारा बनाया गया है लेकिन ऐसा क्यों किया गया। इस बारे में साफ तौर से कुछ नहीं कहा जा सकता।

ब्राजील नट्स : ब्राजील नट्स के नाम से जाना जाने वाला यह वृक्ष बड़ा विशालकाय है। जब यह वृक्ष पूरी तरह से विकसित हो जाता है तब इसे देखने का अनुभव बड़ा ही अद्भुत है। इस वृक्ष पर नारियल के आकार का फल आता है जिसमें नट्स पाए जाते है। जो खाने के लिए प्रयोग लाए जाते है। यह वृक्ष दुनिया के विशालकाय वृक्षों में शुमार है।

ड्रैगन ट्री, कैनरी द्वीप : ड्रैगन वृक्ष अपने आप में एक अनूठा वृक्ष है। जब इस वृक्ष को काटा जाता है तो इसमें से खून की तरह है लाल रंग का रस निकलता है। इस वृक्ष का आधार चौड़ा, मध्य भाग संकरा और ऊपर का भाग किसी छतरी की तरह तना हुआ है।अफ्रीका के उत्तरी पश्‍चिमी तट के कैनरी आयलैंड में स्थित, इस वृक्ष को देखने के लिए दुनियाभर से सैंकड़ो लोग आते हैं। लेकिन इसे ड्रैगन ट्री क्यों कहा जाता है। ऐसे बारे में कोई जानकारी नहीं है।

फ्रांस का चैपल ट्री : फ्रांस का अलोउविले-बैलेफॉसे गांव ‘शैने चैपेले’ के लिए मशहूर है। इसका मतलब होता है ओक के पेड़ में बना चैपल। इसे चैपल-ओक ऑफ एलोउविले- बेलेफोउस भी कहा जाता है। पेड़ 1 हजार साल से ज्यादा पुराना बताया जाता है। इस पेड़ की उम्र को लेकर हमेशा असमंजस की स्तिथि रही है। ऐसा कहा जाता है की यह पेड़ 13वीं शताब्दी में लगाया गया था। उस समय फ्रांस में लुईस नौवें का शासन हुआ करता था। ऐसी मान्यता है की यह पेड़ हंड्रेड ईयर वॉर, ब्लैक डैथ, रीफॉर्मेशन और नेपोलियन के शासन को देखा है।

ऐसा बताया जाता है की 17वीं शताब्दी के अंत में इस पेड़ पर बिजली गिरने से इसमें आग लग गई थी लेकिन फिर भी यह पेड़ अब भी जीवित है। इस पेड़ को आर्किटेक्चर का अनोखा नमूना माना जाता है। इसमें पेड़ के सहारे लकड़ी की घुमावदार सीढ़ियां बनी हैं। ये सीढ़ियां ऊपर बने दो चैंबर्स में पहुंचाती हैं। इन कमरों का प्रयोग पूजा के लिए किया जाता है।

ता फ्रोम ट्री ऑफ कंबोडिया (Silk Cotton Trees of Ta Prohm, Cambodia) : कंबोडिया के अंगारकोट में स्थित पेड़ को देखने के लिए दुनिया के दूर दराज से लोग आते है। अंगारकोट में विश्‍व प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर भी है। यहां का जंगली क्षेत्र सिल्क कॉटन के वृक्षों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां का ‘ता फ्रोम बौ‍द्ध मंदिर’ 12वीं शताब्दी में बनाया गया था हालांकि अब तो यह खंडहर में तब्दील हो चुका है। सैकड़ों साल पुराने मंदिर और इन पेड़ों को विश्‍व धरोहर की श्रेणी में रखा गया है। यहां के विशालकाय मंदिरों को इन वृक्षों ने ढख रखा है। मंदिर और वृक्ष का यह अद्भुत मिलन देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं।

कैलीफोर्निया का ग्रेट सिकुआ : अमेरिका के कैलीफोर्निया राज्य के सियेरा नेवादा ढलानों के सबसे बड़े पेड़ के लिए प्रसिद्ध है। ग्रेट सिकुआ नामक यह पेड़ ‘सिकुआ डेन्ड्रान’ वंश का है और इसका जातिगत नाम ‘जाइगे स्टिअम’ है।

इस पेड़ का व्यास 12 मीटर तथा कुल ऊंचाई 82 मीटर है। भूमि से 54 मीटर की ऊंचाई पर इसका तना 4 मीटर मोटा है और इसकी सबसे लंबी शाखा की लंबाई 42.3 मीटर तथा व्यास 1.8 मीटर है। इसके तने का कुल आयतन 1401.84 घनमीटर है। अमेरिका के सिकुआ राष्ट्रीय पार्क में इस प्रकार के 300 से अधिक पेड़ हैं। इनमें से कुछ का नाम अमेरिका के प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम पर रखा गया है।
द जनरल शेरमैन : कैलीफोर्निया के एक सेक्यूआइया या सिकुआ नेशनल पार्ट का सबसे लंबा पेड़ है। इसका घनफल विश्‍व के अन्य वृक्षों से अधिक माना गया है। जनरल शेरमैन 52500 क्यूबिक फीट (1448.6 क्यूबिक मीटर) है। इस घनफल में इसकी डालिया का माप शामिल नहीं है।
सबसे अधिक मोटे वृक्ष की आयु 4000 वर्ष आंकी गई है। भारत में सिकुआ वृक्ष कश्मीर में तांग मार्ग ड्रग फार्म सारीखाम में सन‍् 1942 में लगाया गया था। यह सदाबहार पेड़ 28.8 मीटर लंबा है। जायंट सिकुआ उत्तर प्रदेश में अलमोड़ा में लगाए गए हैं।
एक्सेल एर्लेंद्सन (Axel Erlandson’s Circus Trees) : हालांकि इस वृक्ष का आकार प्राकृतिक नहीं है। इसकी प्रसिद्धि का कारण यह है कि इसे बहुत ही सुंदर किस्म का आकार दिया गया है। जिस व्यक्ति ने इस पेड़ को यह आकार दिया है उसका नाम है क्सेल एर्लेंद्सन। इसीलिए इसे उनके नाम पर क्सेल एर्लेंद्सन सर्कस ट्री कहते हैं।
उन्होंने इस पेड़ को काटकर मोड़कर अलग-अलग तरीकों से शानदार आकर दिया है। उनके अनुसार ये सर्कस ट्री है। दरअसल बास्केट का आकर देने के लिए उन्होंने 6 साइकामोर के पौधे लगाकर डायमंड पैटर्न दिया है।

एंजेल ओक : दक्षिण कैरोलिना में एंजेल ओक ट्री चार्ल्सटन के पास जॉन्स द्वीप के एंजेल ओक पार्क के लाइव ओक में स्थित हैं।

माना जाता है कि यह वृक्ष 300 से 400 वर्ष पुराना है। इसकी ऊंचाई 66.5 फुट और चौड़ाई 25.5 फुट है। इस वृक्ष को देखना भी बहुत ही अद्भुत है।

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