Who Discovered the Fingerprint?: हेलो दोस्तों नमस्कार, आज हम बात करने वाले है जिसने फिंगरप्रिंट की खोज की थी। फिंगरप्रिंट आज एक हर एक भारतीय की नागरिक का विशिष्ट पहचान है। आज के समय में आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्मार्ट फोन का पासवर्ड और कई अन्य सिक्योरिटी फीचर्स में फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल होता है। आज के समय में शायरी ही कोई ऐसी सरकारी योजनाओं की या सरकारी कार्य होगा जहां पर फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल ना होता हो, इसके अलावा आजकल के सभी स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट की सुविधा दी जाती है, जहा तक हमारा मानना है आज कल के सभी स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल किया जाता है, वही मौजूदा समय में ऑफिस की एंट्री के लिए और घर का डोर ओपन करने फिंगरप्रिंट स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है। कुल मिलाकर देखा जाए आज के युग में सभी स्थान पर फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग इस बारे में जानते हैं कि आखिर फिंगरप्रिंट की खोज करने वाल शख्स कौन था। आपको भी नहीं मालूम तो हम आपको आगे बताएंगे जिसे जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिंगरप्रिंट सेंसर की खोज विलियम जेम्स हर्शेल ने की थी, जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आप आज कर रहे हैं उसकी खोज आज से तकरीबन 162 साल पहले 28 जुलाई 1858 को थी। यह जानकारी आज हम आपको क्यों दे रहे हैं क्योंकि आज विलियम जेम्स हर्शेल की जन्मतिथि है। जेम्स पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने बताया था कि हर एक व्यक्ति के उंगलियों के निशान अलग-अलग होते हैं। बता दे की ब्रिटिश जेम्स खगोल वैज्ञानिकों के परिवार से संबंध रखते थे। जेम्स की आयु जब 20 वर्ष थी, तब वह भारत आ गए थे, उस समय वह ईस्ट इंडिया कंपनी के एक कर्मचारी के तौर पर काम किया करते थे।
दरअसल भारत में उस समय अधिकतर लोग अनपढ़ हुआ करते थे, जिसके चलते अधिकतर भारतीय लोग वेटिकन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर पाते थे, इन्हीं सब कारणों के चलते धांधली बाजी काफी अधिक हुआ करती थी। इसके बाद विलियम जेम्स हर्शेल ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर के लिए साल 1858 में पूरी हथेलियों की छाप दस्वावेज पर लेने लगे, यही से पहली बार फिंगरप्रिंट की खोज हुई थी।
पूरी हथेलियों की छाप दस्वावेज पर लेने के कुछ समय बाद उन्हें महसूस हुआ कि पूरी हथेली के छाप लेना जरूरी नही है, क्योंकि उंगलियों के निशान लंबे वक्त तक नहीं बदलते हैं।यह सब देखने के बाद विलियम जेम्स हर्शेल का ध्यान इस बात पर गया की जब हर एक इंसान के फिंगरप्रिंट अलग-अलग होते हैं, तो क्यों न इसे पहचान के तौर पर इस्तेमाल किया जाएं। तब से लेकर अब तक यह इसी तरह चलता आ रहा हुई, हम उम्मीद करते है की आपको यह पता चल गया होगा की फिंगरप्रिंट खोज किसने की है और फिंगरप्रिंट की खोज कैसे हुई ? इसी प्रकार की रोचक जानकारी जानने के लिए हमारे साथ बने रहे।