नमस्कार दोस्तों, जैसा कि आप सभी को मालूम है पिछले वर्ष नोएडा में ट्विन टावर को विस्फोटक की सहायता से गिराया गया था। आपको याद ही होगा 32 मंजिला इमारत कुछ ही सेकंड में विस्फोटक की सहायता से मिट्टी में मिल गई थी। यह दृश्य एक बार फिर देखने को मिलने वाला है। जी हां दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की नोएडा के बाद अब दिल्ली में असुरक्षित करार दिए गए 12 टावर्स को विस्फोटक की सहायता से गिराया जायेगा। मुखर्जी नगर में सिग्नेचर व्यू टावर्स को गिराने के लिए दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) के अधिकारी ट्विन टावर वाले फॉर्मूले को अपनाने जा रहे हैं। डीडीए के अधिकारियों ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि मुखर्जी नगर में ढहते सिग्नेचर व्यू टावरों को सुरक्षित रूप से गिराने का एकमात्र तरीका नियंत्रित विस्फोट ही हो सकता है।
दिल्ली के सिग्नेचर व्यू टावर्स के 12 टावर और 336 फ्लैट को विस्फोट की सहायता से गिराया जा सकता है?
अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले पर अंतिम मुहर विशेषज्ञों के साथ सलाह के बाद लगाई जाएगी।विशेषज्ञों का कहना है कि मौके पर जांच और विस्तृत सर्वेक्षण के बाद तय किया जाएगा कि टावर्स को कैसे गिराया जाए। सुरक्षा, समय और लागत का ध्यान रखकर इस निर्णय पर पहुंचा जाएगा। डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक सबसे उपयुक्त विकल्प यह लग रहा है कि नोएडा में पिछले साल ट्विन टावर्स को गिराने के लिए उपयोग किया गया था। 2010 में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट की निर्माण में शामिल डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा कि “हमने आंतरिक जाँच की है और इस अपार्टमेंट को समय पर और कुशलता से गिराने का एकमात्र तरीका विस्फोट है।”
टावर्स में मौजूद लोगों का क्या होगा?
इस एग्रीमेंट के अनुसार, टावर्स में रहने वालों को अपने फ्लैट को खाली करना होगा। डीडीए इन टावरों को गिराने के बाद फिर से यहां निर्माण करेगा और उन्हें तीन साल के भीतर वापस लाया जाएगा। तब तक फ्लैट के मालिक किराए पर रहेंगे और उन्हें किराए के तौर पर डीडीए को एक राशि का भुगतान करना होगा। नाम सार्वजनिक नहीं करने की अपील करते हुए अधिकारी ने बताया कि पहली चुनौती जल्दी से टावरों को खाली करना है। निवासियों से बातचीत हो चुकी है और दो महीने के भीतर इन टावरों को खाली कर दिया जाएगा।
क्यों गिराया जाए रहा है टावर्स को?
आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इन इमारत को आकर कर क्यों गिराया जा रहा है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में कुल 12 टावर हैं। इनमें 336 प्लैट बने हुए हैं। महज 13 साल पहले बने टावर खतरनाक हो चुके हैं। किसी की दीवार में दरार आ चुकी है तो किसी की छत टूट चुकी है। पिछले साल नवंबर महीने में हुई जांच में सामने आया था कि यह मार्च रहने के लायक नहीं है, और कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है इस लिए यह फैसला लिया जा रहा है। देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।