जिन्होंने अपनी आवाज़ से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट लॉन्च को काउंटडाउन कराया, वो अब हमेंशा के लिए चुप हो गए हैं। वैज्ञानिक वलारमथी का निधन हो गया है। उनकी हृदयगति के बंद हो जाने के बाद उनका निधन हुआ है। वही वैज्ञानिक वलारमथी थी जिन्होंने तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 के लॉन्च को उलटी गिनती से काउंट किया था। उनके करियर में उन्होंने कई सफल रॉकेट लॉन्च किए थे।
N Valarmathi Passes Away : अब्दुल कलाम पुरस्कार की पहली वैज्ञानिक
वैज्ञानिक एन वलारमथी तमिलनाडु के अरियालुर जिले के निवासी थीं। उनका जन्म 31 जुलाई, 1959 को हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा चेन्नई से पूरी की, और 1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गईं।
Chandrayaan-3 Mission:
The Rover completed its assignments.It is now safely parked and set into Sleep mode.
APXS and LIBS payloads are turned off.
Data from these payloads is transmitted to the Earth via the Lander.Currently, the battery is fully charged.
The solar panel is…— ISRO (@isro) September 2, 2023
एन वलारमथी ने अपने प्रोफ़ेशनल करियर में कई महत्वपूर्ण मिशन्स का हिस्सा बना। उन्होंने भारत द्वारा निर्मित रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RIS) और IRST-1 के प्रोजेक्ट में डायरेक्टर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने अब्दुल कलाम पुरस्कार की मान्यता प्राप्त की, जिससे वे पहली महिला वैज्ञानिक बनीं जिन्हें इस सम्मान से नवाजा गया। वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध थी।
हार्ट अटैक से गई जान | N Valarmathi Death Reason
सूत्रों से ख़बर आई है कि चेन्नई में ही वलारमथी को हार्ट अटैक आया। इस दुखद समाचार के बाद, ISRO के सभी वैज्ञानिक दुख भाग रहे हैं। ISRO के पूर्व वैज्ञानिक, डॉक्टर पीवी वेंकटकृष्ण ने दुख जताते हुए कहा कि आने वाले मिशनों में उल्टी गिनती करने वाली एन वलारमथी की आवाज अब कभी भी सुनाई नहीं देगी। वो आवाज अब हमेशा के लिए शांत हो चुकी है। हमें उनकी आवाज और उनकी महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने आखिरी बार चंद्रयान-3 के लॉन्च पर उल्टी गिनती की थी। चंद्रयान-3 का लॉन्च 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से किया गया था।