नमस्कार दोस्तों, पूरे देश में मुस्लिमों द्वारा 9 तारीख को बकरीद को मनाने के लिए जोरों शोरों से तैयारी चल रही है। इस मौके पर न जाने कितने बेजुबान जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इसी बीच जब भी जानवरों के संरक्षण की बात सामने आती है तो पेटा (PETA) का जिक्र किया जाता है। पेटा (PETA) एक संगठन है जो कि जानवरों के संरक्षण के रूप में काम करता है। लेकिन अभी तक बकरीद पर होने वाले जानवरों की कुर्बानी को लेकर पेटा (PETA) की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया।
पेटा (PETA) की तरफ से नहीं आया कोई बयान
पूरे देश मे बकरीद को लेकर मुसलमानों के बीच तैयारियां की जा रही है। इस मौके पर न जाने हर वर्ष कितने मासूम जानवरों की बलि दी जाती है। लेकिन ऐसे में एक संस्था पेटा (PETA) यानी पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) पर सबकी नजरें होती है की पेटा इस मौके पर जानवरों के संरक्षण के लिए कौन सी मुहिम में चलाने वाली है। लेकिन इस बार अभी तक पेटा की तरफ से कोई बयान या खबर सामने नहीं आई है। हालांकि अक्सर ही पेटा की तरफ से हिन्दू के त्योहार में जानवरो से जुड़े बातो को बताया जाता रहा है। लेकिन मुस्लिम समुदायों को लेकर संस्था की ओर से कोई कार्यवाही न करना इसकी दोहरी मानसिकता की ओर इशारा करता है।
Eid al-Adha is coming & I have a request to make. Assam was recently hit by deadly floods (some of it was created by Kabul Khan, Mithu Hussain, Nazir and Ripon Khan) and it is our duty to help fellow Indians get back on their feet. Let’s celebrate Eid the right way. Jai Hind. pic.twitter.com/ZhBc5sTE05
— Madhur Singh (@ThePlacardGuy) July 6, 2022
दोहरी मानसिकता इस मामलों ने नज़र आती है
पेटा की तरफ से अक्सर ही मुस्लिम और हिन्दू के बीच त्योहार मानाने को लेकर पक्षपात करते हुए देखा जा सकता है। वर्ष 2020 में पेटा ने इंडिया के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन को गायों के चर्म से जोड़ने की नीचता दिखाई थी। और वहीं दूसरी तरफ अपने इस बात को छुपाने के लिए बकरी से पहले जानवरों की हत्या रोकने के लिए ट्विटर के जरिए एक अभियान चलाया था। पेटा इंडिया के एक ब्लॉग के अनुसार बकरीद के मौके पर अवैध परिवहन और जानवरों की हत्या को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों से किया था। इस ब्लॉक में जानवरों की बलि को लेकर दो बिंदुओं पर हिंदुओं पर प्रकाश डाला गया था।
बक़रीद पर क़ुर्बानी क्यों..?
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) July 7, 2022
हिन्दू को त्यौहार मानाने का तरीका बताता है पेटा, मुस्लिम से करता है बस आग्रह
पेटा द्वारा साल 2020 में हिन्दू त्यौहार रक्षाबंधन पर अभियान शुरू किया गया की वह गाय के चमड़े राखी न पहने। वही दूसरी तरफ मुस्लिम त्यौहार बकरीद पर पेटा सिर्फ राज्य सरकार से जानवरो हत्या के लिए आग्रह करते हुए नज़र आया था। पता की तरफ से मुस्लिम समुदाय माँस छोड़ने की बात स्पष्ट रूप से नहीं कही गयी थी। इस वर्ष ही नज़र आ रहा है।