जय श्री कृष्णा दोस्तों, आज बात करने वाले हैं गीता जयंती (Geeta Jayanti 2021) के बारे में, इसमें हम आपको बताएंगे की गीता जयंती कब और क्यों मनाई जाती है ? और इस दिन हमें क्या कुछ करना चाहिए कौन-कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए? और भी कई सवालों के जवाब आज आपको इस ब्लॉग में मिलने वाले हैं। सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार द्वापर युग में कुरुक्षेत्र में जब अर्जुन सामने भीष्म पितामाह आदि अपने सगे संबंधियों को देखकर विचलित हो गए थे, कुछ दौरान भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन गीता जयंती (14 दिसंबर, मंगलवार) (Geeta Jayanti 2021) का पर्व पूरे विश्व भर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यही नहीं बल्कि इस दिन एकादशी का व्रत भी किया जाता है, जिसे मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2021) कहते हैं।
Geeta Jayanti Date and Timing | गीता जयंती तिथि
- एकादशी तिथि प्रारंभ – 13 दिसंबर, सोमवार रात्रि 09: 32 मिनट पर
- एकादशी तिथि समाप्त – 14 दिसंबर, मंगलवार रात्रि 11: 35 मिनट तक
Geeta Jayanti Pooja Vidhi | गीता जयंती पूजा विधि
गीता जयंती के शुभ मुहूर्त पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, और भगवान श्री विष्णु को प्रणाम करके अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए। एक दिन आप अपने पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करके अपने घर को पवित्र कर सकते हैं, रखा करते दौरान आप “ॐ हर हर गंगे” का मंत्रोच्चारण जरूर करें। अब भगवान विष्णु की पूजा पीले फल, पुष्प, धूप-दीप, दूर्वा आदि चीजों से करें। गीता जयंती के मौके पर आपको भगवत गीता जो पढ़नी चाहिए, अंत में भगवान श्री कृष्ण और अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना करे।
इन मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं
1. ऊं नमो नारायणाय नम:
2. ऊं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
3. ऊं श्रीकृष्णाय नम:
4. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
5. क्लीं ह्रषीकेशाय नम:
6. ऊं ह्रषिकेशाय नम:
7. श्रीकृष्ण शरणं मम
8. ऊं गोकुल नाथाय नमः