नमस्कार दोस्तों, करोना महामारी के दौरान कई लोगो ने अपनों को खोया है, लेकिन अनाथ लोगों को राहत मिलने वाली योजना का लाभ केवल कुछ इन लोगों को मिल पाया है। देश में कई ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने करोना महामाई के दौरान अपनों को खोया है और उन बच्चो के चेहरों पर अभी तक खुशी नहीं लौटी है। सरकारी आंकड़ों की माने तो 365 परिवारों के 610 बच्चों ने कोरोना महामारी में अपनों को खोया है। इनमें से 470 बच्चे ऐसे हैं जिनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे, और लगभग 100 बच्चे ऐसे है जिन्होंने अपनी माँ को खोया है, और 40 बच्चे ऐसे जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को इस महामारी के दौरान खोया है। ऐसे में पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा लागू योजना में 39 को लाभ मिल रहा है, तो अब केंद्र की पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन में 14 बच्चे इसके लिए पात्र विभागीय सर्वे में पात्र मानें गए है। तो चलिए इसके बारे में विस्तार में जानते है।
कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मिलेंगे 10 लाख
सरकारी आंकड़ों को भी देखा जाए तो अनाथ बच्चों की संख्या कम नहीं है, सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में 365 ऐसे परिवार हैं, जिनमे कुल 610 बच्चों ने अपनों को खोया है, इसमें से 21 परिवारों के 40 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता पिता महामारी के दौरान इस दुनिया को अलविदा कह चुके है। जिले में योजना में 14 बच्चों के खाते खुल चुके हैं। जब भी बजट आता है यह राशि उन खातों में भेज दी जाएंगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की केंद सरकार ने कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन के नाम की एक योजना शुरू की है। इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले में सर्वे कराया। इसमें 14 बच्चे ही पात्र आए है। इसमें वह पात्र है जिनके माता-पिता की कोविड से मौत हुई है। सभी नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाया जा चुके हैं, 30 साल की उम्र तक इन खातों में ₹1000000 की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी। इस खबर पर आपका क्या कुछ कहना है हमें कमेंट करके जरूर बताएं। इसी तरह की जानकारी जानने के लिए हमारे साथ बने रहे।