नमस्कार दोस्तो आपका हार्दिक अभिनंदन है हमारी हिंदी वेबसाइट देख न्यूज़ पर। आज हम बात कर रहे हैं राधा अष्टमी के बारे में। आप सभी को राधा अष्टमी (Radha Ashtami) की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस तरह हमारे देश मे कृष्ण जन्माष्टमी की मान्यता है। ठीक इसी प्रकार राधा अष्टमी की भी काफी ज्यादा मान्यता है। कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधा अष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बाकी सभी त्यौहार की तरह व्रत रखे जाते हैं और भगवान श्री कृष्ण और राधा की आरती की जाती है। आगे आपको राधा अष्टमी के बारे में पवित्र जानकारी देने वाले हैं।
राधा अष्टमी (Radha Ashtami Wishes) शायरी, स्टेटस, कोट्स, कैप्शन, स्लोगन, अनमोल विचार इत्यादि
Radha Ashtami (राधा अष्टमी) Kab Hai ?
राधा अष्टमी पर पूजा करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। आपको यह भी बताने वाले हैं कि सितंबर में राधा अष्टमी का पर्व कब आने वाला है। पंचांग के अनुसार इस साल राधा अष्टमी का त्यौहार 23 सितंबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार हर साल ये त्यौहार भादो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। योग की बात करे तो इस साल राधा अष्टमी पर काफी महत्वपूर्ण शुभ योग बन रहा है। इस बार राधा अष्टमी पर आयुष्मान योग का निर्माण होने वाला है। सुहागिन स्त्रियां राधा अष्टमी वर विशेष व्रत रखती है।
राधा अष्टमी एक ऐसा पर्व है जिस दिन प्राथना करने से धन की प्राप्ति भी होती है। इस दिन राधा की पूजा करने से श्री कृष्ण का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब हम आपको राधा अष्टमी के पूजा के नियम के बारे में बताने वाले हैं।
Radha Ashtami (राधा अष्टमी) Date & Time
इस वर्ष 2023 में, राधा अष्टमी 23 सितम्बर को मनाई जाएगी। यह त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पद्मिनी नक्षत्र के साथ मनाया जाता है। मध्याह्न समय 11:01 ए एम से शुरू होकर 01:26 पी एम तक चलता है, इसकी अवधि 2 घंटे 25 मिनट्स होती है। इस दिन भक्त राधा रानी और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और उनके प्रेम के गाने गाते हैं, जो भक्ति और प्रेम का प्रतीक होते हैं। इस अद्वितीय दिन को ध्यान और भक्ति में गुजारने से भक्त सुख और आनंद का अनुभव करते हैं।
पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए। यह काफी ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि कोई भी महत्वपूर्ण पूजा करने से पहले शरीर का पवित्र होना जरूरी होता है। शायद इसलिए हिन्दू धर्म में शरीर पर जल पड़ने से मन पवित्र हो जाता है। इसके बाद मंदिर के स्थान पर मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करना होता है।
कलश पर पात्र रखे और फिर राधा रानी की मूर्ति स्थापित करे। इस दिन हमे राधा जी की दिल से आरती करनी होती है जिसके बाद आपको भरपूर वरदान प्राप्त होता है। आज की विधि और हिन्दू त्यौहार जानकारी आपको काफी ज्यादा अच्छी लगी होगी। अगर आपके पर राधा अष्टमी से जुड़ी अन्य जानकारी है तो कृपया हमें कमेंट करे। आपके पूरे परिवार को राधा अष्टमी की।हार्दिक शुभकामनाएं। जय राधा रानी की।