पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के केस में मिली फांसी की सजा: पाकिस्तान के इस्लामाबाद की एक विशेष कोर्ट ने राजद्रोह के केस में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई है। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर 3 नवंबर 2007 को अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने का आरोप है और इस मामले में ही उसे मौत की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान की पीएमएल-एन सरकार ने परवेज मुशर्रफ के खिलाफ साल 2013 में केस दर्ज करवाया था। इस केस की सुनवाई विशेष अदालत ने की है। जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने सजा का ऐलान किया है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि मुशर्रफ को इस मामले में दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें फांसी की सजा हो सकती है। पाकिस्तान के इतिहास में मुशर्रफ ऐसे पहले सेना प्रमुख हैं जिनपर 31 मार्च 2014 को देशद्रोह के मामले में आरोप तय हुए।
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पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ मार्च 2016 से ही दुबई रह रहे है। उनपर संविधान भंग करने और साल 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह का केस दर्ज है। 76 साल के मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई गए थे लेकिन बाद में वह सुरक्षा और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पाकिस्तान वापस नहीं लौटे।
A special court hands death sentence to former military dictator Pervez Musharraf in a high treason case
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— ANI Digital (@ani_digital) December 17, 2019
परवेज मुशर्रफ के वकीलों ने शनिवार को अदालत में यहींचा दाखिल करते हुए कहा की विशेष अदालत की सुनवाई पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक की हाईकोर्ट में लंबित याचिका पर फैसला ना सुनाया जाए। मुशर्रफ की याचिका पर अदालत ने संघीय सरकार को नोटिस जारी किया था। अदालत ने इस याचिका पर भी मुख्य याचिका के साथ ही सुनवाई का फैसला किया था।