डीडीए बनाएगी सीटू योजना के तहत 32 कॉलोनियों में 34 हजार फ्लैट, जानिए क्या है सीटू योजना? दिल्ली विकास प्राधिकरण यानि डीडीए अपने खुद के द्वारा बनाए गए फ्लैटों को बीते काफी समय से बेचने की कड़ी मशक्त कर रही है लेकि उसे कामयाबी नहीं मिल रही है। डीडीए के फ्लैटों को खरीदने में लोग काफी काम रूचि दिखा रहे है। अब डीडीए एक नई स्कीम लेकर आई है जिसके तहत वह दिल्ली की 32 कॉलोनियों में 34 हजार के करीब फ्लैट बनने की योजना बना रही है। यह फ्लैट सीटू (जहां झुग्गी वहीं मकान) योजना के तहत बनाए जाएँगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिन कॉलोनियों में फ्लैट बनने है वहां का सर्वे कर लिया गया है। अब जल्द ही इस योजना के लिए टेंडर निकाले जाएँगे। बता दें की इन कॉलोनियों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) आधार पर बिल्डरों के साथ मिलकर फ्लैट बनाए जाएंगे। दो से तीन वर्ष में इन कॉलोनियों की झुग्गियों में रहने वालों को दाे कमरों वाला सभी सुविधाओं से युक्त फ्लैट मिल जाएगा।
क्या है सीटू योजना?
मिली जानकारी के अनुसार यह सभी 32 कॉलोनियां डीडीए की 8 लाख वर्ग मीटर जमीन पर अवैध तरीके से बसी हुई है। उप राज्यपाल एवं डीडीए अध्यक्ष अनिल बैजल की औपचारिक स्वीकृति के बाद डीडीए ने अब इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए सीटू प्रोजेक्ट के तहत पुनर्विकास कार्य शुरू कर दिया है। पीपीपी मॉडल के तहत योजना में डेवलपर ही झुग्गियों की जगह फ्लैट बनाने पर पूरा पैसा खर्च करेगा। इसके बदले वह खाली जमीन का उपयोग व्यावसायिक उपयोग के लिए कर सकेगा।
डीडीए सीटू योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
डीडीए के अधिकारियों के अनुसार सीटू प्रोजेक्ट को 2 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 14 झुग्गी बस्तियों में सात प्रोजेक्टों के तहत 21 हजार फ्लैट तैयार किए जाएंगे। दूसरे चरण में 18 झुग्गी बस्तियों में 12 प्रोजेक्टों के तहत 13 हजार फ्लैट तैयार किए जाएंगे। जमीन का 60 फीसद हिस्सा इन सीटू के लिए होगा, जबकि 40 फीसद हिस्सा व्यावसायिक उपयोग के लिए रहेगा। फिलहाल इस दिशा में कठपुतली कॉलोनी में काम चल रहा है। वसंत कुंज स्थित झुग्गी बस्ती, रोहिणी सेक्टर-18 और 19, कीर्ति नगर, दिलशाद गार्डन, शालीमार बाग की झुग्गी बस्तियों में भी काम शुरू कर दिया गया है।
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सीटू स्कीम के तहत दिल्ली में कहा बनेंगे फ्लैट?
सीटू प्रोजेक्ट के तहत बिल्डर खुली बोली लगा सकेंगे। प्रोजेक्ट की पात्रता दिल्ली शहरी आश्रय विकास बोर्ड (डूसिब) की दिसंबर 2017 पाॅलिसी के अनुसार ही मान्य होगी। इसके लिए कटऑट डेट 1 जनवरी 2015 तय की गई है। इसके बाद सरकारी जमीन पर कोई झुग्गी न बने, यह डीडीए को सुनिश्चित करना होगा।
1. दिलशाद गार्डन कलंदर कॉलोनी भाग एक
2. दिलशाद गार्डन कलंदर कॉलोनी भाग दो
3. दिलशाद गार्डन दीपक कॉलोनी
4. दिलशाद विहार कॉलोनी
5. कीर्ति नगर फायर स्टेशन के पीछे
6. कीर्ति नगर चूना भटटी
7. कीर्ति नगर चूना भटटी, हरिजन बस्ती
8. रोहिणी सेक्टर 18, खडडा बस्ती
9. बादली गांव, सेक्टर 19 रोहिणी
10. पीतमपुरा, एकता कैंप, एयू ब्लॉक
11. शालीमार बाग, एक्यू ब्लॉक
12. वसंत विहार
13. कालकाजी एक्सटेंशन, भूमिहीन कैंप
14. कालकाजी एक्सटेंशन, जवाहरलाल नेहरू कैंप, नवजीवन कैंप
15. शास्त्री मार्केट, दक्षिणी मोती बाग
16. इंदिरा कैंप भाग दो, ओखला, तैमूर नगर
17. इंदिरा कैंप पहाड़ी दो, तैमूर नगर
19. माेतीलाल नेहरू कैंप, जेएनयू, वसंत कुंज
19. बी-4, बी-5 वसंत कुंज, जेजे बंधु कैंप
20. मजदूर कल्याण कैंप, आेखला औद्योगिक क्षेत्र फेज दो
21. मजदूर कल्याण कैंप, ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज एक
22. इंदिरा कल्याण विहार, ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज एक, साइट दो
23. इंदिरा कल्याण विहार, ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज एक
24. इंदिरा कल्याण विहार, ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज एक, साइट दो
25. धोला कुंआ, ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज एक, तेहखंड
किशोर विज्ञान प्रोत्साहन योजना 2019 (KVPY) Kishore Vaigyanik Protsahan Yojana26. ओखला ओवरहैड टैंक, ओखला फेज दो
27. संजय सुधार समिति कैंप, जीपी ब्लॉक, पीतमपुरा
28. कोहाट एंक्लेव, पीतमपुरा
29. आयुर्वेदिक अस्पताल के सामने, हैदरपुर
30. सूरज पार्क, समयपुर बादली, सेक्टर 26 रोहिणी, शाहबाद दौलतपुर
31. रोहिणी एक्सटेंशन 20 पूठ कलां
32. गोल्डन पार्क, अशोक पार्क मेन मेट्रो स्टेशन, रामपुरा
डीडीए के अधिकारियों ने बताया है की सीटू प्रोजेक्ट के तहत लोगों को पक्का फ्लैट बनाकर दिया जाएगा। यह फ्लैट 30 वर्ग मीटर के मकान में दो कमरे, रसोईघर, स्नानघर और बालकनी होगी। इन फ्लैटों को 10 साल पहले बेचा नहीं जा सकेगा। बिल्डरो को झुग्गी वासियों के लिए उसी जमीन पर या फिर उसके 5 किमी के दायरे में वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।
तरुण कपूर (उपाध्यक्ष, डीडीए) के मुताबिक, दिल्ली में डीडीए की जमीन पर कुल तीन सौ झुग्गी बस्तियां हैं। यूं तो इनमें से 100 पर काम किया जाएगा। लेकिन पहले चरण में 32 कॉलोनियों को लिया गया है। यहां के निवासियों को नया फ्लैट ही नहीं, बेहतर सुविधाएं देकर राजधानी के विकास का स्वरूप भी बदला जाएगा।