भारत वायुसेना को मिला पहला अपाचे हेलीकाप्टर,बिना चेतावनी के दुश्मन के इलाके में घुसकर मारने की क्षमता- दुनिया के सबसे एडवांस लड़ाकू माने जाने वाले अपाचे गार्जियन भारतीय वायुसेना बेड़े में शामिल हो गया है| यह लड़ाकू विमान भारत और अमेरिका 22 अपाचे गार्जियन लड़ाकू विमान तहत भारत को मिला है| इससे पहले इंडियन एयरफोर्स को चिकून हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर भी मिल चुका है। वायुसेना में शामिल हुई अपाचे गार्जियन का निर्माण अमेरिका के एरिजोना ऐसे कयास लगाए जा रहे है की इसकी तैनाती चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर की जाएगी|
बोइंग एएच-64 ई अपाचे को दुनिया का सबसे ताकतवर हेलीकॉप्टर माना जाता है। अमेरिका के अलावा कई देश इसका इस्तामल करते हैं। इजरायल, मिस्त्र और नीदरलैंड की सेनाओं के पास भी यह विमान मौजूद है। अमेरिका ने इसका इस्तेमाल पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक के दुश्मनों से लोहा लेने में किया है। यह विमान एक साथ कई तरह के काम करने में क्षमता रखता है।
एएच-64 ई अपाचे का वजन 5,165 किलोग्राम है, जो 365 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आसमान में उड़ान भर सकता है और काफी तेज गति से दुश्मन पर वार करके उसके परखच्चे उड़ा सकता है। इसमें दो जनरल इलेक्ट्रिक टी700 टर्बोशैफ्ट इंजन लगे हैं। विमान में आगे की तरफ लगे सेंटर फिट के कारण यह रात में भी उड़ान भरने की क्षमता रखता है।
इसके अलावा हेलीकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं, जिनके पेलोड इतने तीव्र विस्फोटकों से भरे होते हैं कि दुश्मन का बच निकलना नामुमकिन हो जाता है। विमान के दोनों तरफ 30 एमएम की दो गन लगी हैं। इसके अंदर दो पायलटों के बैठने सुविधा है। इसकी डिजायनिंग इस तरह से की गई है कि इसे यह युद्ध क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति में टिका रह सकता है।
बता दें कि फरवरी में ही अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोईंग ने भारतीय वायुसेना के लिए चार चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह पर की थी चिनूक बहुद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलिकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईंधन को ढोने में किया जाता है. इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है| राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है|