अच्छी खबर! अब 48 घंटो में करवा सकेंगे मोबाइल नंबर पोर्ट: मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को अब ओर आसान और तेज करने टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) नियमों में बड़े पैमाने पर बदलाव किया है| इन बल्दवा के बाद मोबाइल नंबर 2 दिनों के अंदर पोर्ट करवाया जा सकेगा| यही अन्य सर्किल का नंबर पोर्ट करवाने के समय में कमी करते हुए इसे 4 दिन करने का आदेश दिया गया है|
ट्राई की तरफ से सामने आए एक बयान में कहा गया है की पोर्टेबिलिटी के प्रोसेस को तेज और आसान करने के लिए नियमों में कई प्रकार के बदलाव किये गए है| यही नहीं अगर कोई टेलिकॉम ऑपरेटर्स मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के संबंध में गलत सूचना देते है या फिर किसी गलत तरीके से मोबाइल नंबर पोर्ट करने रिक्वेस्ट को निरस्त करते है तो उन्हें 10 हजार जुर्माना देना पड़ेगा|
ट्राई ने मोबाइल नंबर नंबर पोर्ट करने की रिक्वेस्ट की समय सीमा 2 दिन तय की है समान टेलीकॉम सर्किल के लिए जबकि दूसरे सर्किल के लिए यह सीमा 4 वर्किंग डे रखी गई है| अब सभी टेलिकॉम सर्किल में यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) की वैलिडिटी को भी 15 दिन से घटाकर 4 दिन कर दिया गया है| हालांकि जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ-ईस्ट में इसकी वैधता में कोई बदलाव नहीं किया गया है|
नए नियम के मुताबिक यूनीक पोर्टिंग कोड केवल उन्हीं मोबाइल नंबर के लिए जनरेटहोगा जो सभी नियम व शर्तो को पूरा करते हैं| ट्राई ने इन नियमों को लागू करने के लिए छह माह का समय माँगा है| इसके बाद यह प्रभाव में आ जाएंगे|
किसी उपभोक्ता ने अगर पोर्टिंग के लिए मैसेज रिक्वेस्ट डाल दी है और बाद में वह उस ऑपरेटर में स्विच नहीं करना चाहता है तो मात्र 1 मैसेज कर के वह रिक्वेस्ट को कैंसिल कर सकता है| वहीं अगर कॉर्पोरेट पोर्टिंग की बात करें तो अभी तक एक ऑथेराइजेशन लेटर से सिर्फ 50 नंबर को पोर्ट करवाया जा सकता था जिसे बढ़ाकर 100 कर दिया गया है|
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अगर अभी की बात करें तो उपभोक्ता को एक से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने के लिए लिए पहले ऑपरेटर के साथ 90 दिन तक रहना अनिवार्य है| इससे पहले आवेदन पर कार्रवाई के लिए अधिकतम 7 दिन का समय लगता था| वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट में यह अवधि 15 दिन की थी|