पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में टूटा पुल, ट्रक ड्राइवर घायल: पश्चिम बंगाल में एक और पुल गिरा| यह पुल वेस्ट बंगाल के सिलीगुड़ी के फनसिदेवा में अज्ज शुक्रवार 7 सितंबर को टूट गया| बता दें की जो ब्रिज टूटा है वो नहर के ऊपर बना हुआ था| यह हादसा तब हुआ जब एक ट्रक इसके ऊपर गुजरा| इस हादसे में ट्रक का ड्राइवर घायल हुआ है जिसे आप ही के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है|
यह ब्रिज मानगंज इलाके को सिलीगुड़ी से जोड़ता है| इस हफ्ते में पश्चिम बंगाल में यह दूसरा पुल टूटा है| बता दें की बीती 4 सितंबर को दक्षिण कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड पर करीब 50 साल पुराना ब्रिज का एक हिस्सा टूट गया था| इस हादसे में 3 तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि 24 लोग घायल हुए थे|
पश्चिम बंगाल के विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने कहा की- सामान से भरे ट्रक की इस पुल पर आवाजाही प्रतिबंधित है लेकिन उत्तरपूर्वी राज्यों से आए भारी वाहनों को इस पुल से गुजरते हुए देखा जा सकता था| पुल से भारी वाहन के गुजरने की वजह से ही पुल टूटा है| मंत्री ने कहा की- यह पुल काफी पुराना है जिसके कोई दस्तावेज भी नहीं है| इस पुल के बारे में लोक निर्माण विभाग रिपोर्ट बना रहा है जिसके बाद इस पुल को ठीक करने काम शुरू किया जाएगा|
A canal bridge in Siliguri’s Phansidewa collapsed early morning today. More details awaited. #WestBengal pic.twitter.com/pb542LHdqj
— ANI (@ANI) September 7, 2018
पुल गिरने की खबर सामने आने के बाद आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए है| पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा कि पुल की देखरेख सीपीएम नीत लेफ्ट सरकार द्वारा संचालित सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद करती थी। उन्होंने कहा, ‘इसकी रिपोर्ट मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दूंगा।’
वही दूसरी ओर दार्जीलिंग डिस्ट्रिक्ट के सीपीएम के वरिष्ठ नेता जिबेश सरकार ने आरोप लगाया है की पुल की मरम्मत करने वाले अनुरोध को टीएमसी की सरकार ने और जिला प्रशासन ने नजरअंदाज किया| उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हमने राज्य तथा स्थानीय प्रशासन को बताया था कि इसकी मरम्मत करने की जरूरत है। लेकिन यह लेफ्ट के नेतृत्व वाली महाकुमा परिषद है इसलिए सरकार ने पैसा जारी नहीं किया।’
विपक्षी दलों ने सूबे की ममता सरकार पर पुलों की ठीक से मरम्मत नहीं करने और पुल का ठीक से रखरखाव नहीं करने का आरोप लगाया है| ममता सरकार ने विपक्षी दलों को सिरे नकारते हुए प्रदेश में पुलो के रखरखाव के लिए ठोस काम करने का दावा किया|
विपक्षी दलों ने ममता सरकार पर पुलों की मरम्मत एवं उनके रख-रखाव में लापरवाही बरतने तथा विभिन्न प्रतिष्ठानों को सिर्फ नीले एवं सफेद रंग में रंग-रोगन करने का आरोप लगाया। टीएमसी ने हालांकि इन आरोपों को निराधार बताया और कहा कि राज्य सरकार ने पुराने एवं नए पुलों की मरम्मत के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं, जो लेफ्ट के शासन में बहुत खराब हालत में थे।